मिसाइल के मामले में चीन से आगे निकला भारत, बना MTCR का पूर्ण सदस्य

नयी दिल्ली/सोल: भारत आज मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) का पूर्ण सदस्य बनगया.विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है.तीन दिन पहले चीन और कुछ अन्य देशों के कड़े विरोध के कारण भारत एनएसजी की सदस्यता हासिल करने से वंचित रह गया था.ऐसे में एमटीसीआर का भारत का सदस्य बनना एक बड़ी कूटनीतिक व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 27, 2016 7:59 AM

नयी दिल्ली/सोल: भारत आज मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) का पूर्ण सदस्य बनगया.विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है.तीन दिन पहले चीन और कुछ अन्य देशों के कड़े विरोध के कारण भारत एनएसजी की सदस्यता हासिल करने से वंचित रह गया था.ऐसे में एमटीसीआर का भारत का सदस्य बनना एक बड़ी कूटनीतिक व सामरिक उपलब्धि है.एमटीसीआर में भारत की सदस्यता किसी भी बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत का पहला प्रवेशहै.

इस संबंध में रविवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि हमने पिछले साल एमटीसीआर की सदस्यता के लिए आवेदन किया था और सारी प्रक्रियात्मक औपचारिकताएं पूरी कर ली है.

जानें एमटीसीआर की मुख्‍य बातें, क्यों है भारत के लिए महत्वपूर्ण

सोमवार को विदेश सचिव एस जयशंकर ने फ्रांस, नीदरलैंड और लक्जमबर्ग के राजदूतों की मौजूदगी में एमटीसीआर में शामिल होने के दस्तावेज परसोल में हस्ताक्षर किया. उल्लेखनीय है कि चीन जिसने हाल में संपन्न 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की पूर्ण सत्र की बैठक में भारत के प्रवेश की राह में रोड़ा अटकाया वह 34 सदस्यीय एमटीसीआर का सदस्य नहीं है.

चूंकि, भारत का असैन्य परमाणु करार अमेरिका के साथ है इसलिए वह एनएसजी, एमटीसीआर, ऑस्ट्रेलिया समूह और वेसेनार अरेंजमेंट जैसे निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में शामिल होने का प्रयास कर रहा है. ये समूह पारंपरिक, परमाणु, जैविक और रासायनिक हथियारों और प्रौद्योगिकी का नियमन करते हैं. एमटीसीआर में भारत के मामले का पिछले साल इटली ने विरोध किया था. मरीन विवाद को लेकर भारत का विरोध हुआ था. हालांकि, केरल तट से दूर दो मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीनों को अपने मुल्क वापस लौटने की अनुमति देने के बाद इटली ने अपने विरोध के स्वर को नरम कर लिया.

एमटीसीआर में प्रवेश के भारत के प्रयासों को तब प्रोत्साहन मिला जब उसने इस महीने की शुरुआत में हेग आचार संहिता का हिस्सा बनने पर सहमति जताई. हेग आचार संहिता बैलिस्टिक मिसाइल की अप्रसार व्यवस्था से संबंधित है. एमटीसीआर की सदस्यता से भारत उच्चस्तरीय मिसाइल प्रौद्योगिकी की खरीद करने में सक्षम होगा और रूस के साथ इसके संयुक्त उपक्रम को भी बढ़ावा मिलेगा.

Next Article

Exit mobile version