गोल्डन टेंपल में लहराईं तलवारें
अमृतसर: पंजाब में सरबत खालसा (सिख संगठनों की महासभा) के आयोजन के बाद कट्टरपंथी गुटों और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिवाली के दिन भी इन संगठनों के बीच खूब बवाल हुआ. हंगामा बढ़ता देख सरबत खालसा की ओर से नामित जत्थेदारों को पुलिस ने […]
अमृतसर: पंजाब में सरबत खालसा (सिख संगठनों की महासभा) के आयोजन के बाद कट्टरपंथी गुटों और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिवाली के दिन भी इन संगठनों के बीच खूब बवाल हुआ. हंगामा बढ़ता देख सरबत खालसा की ओर से नामित जत्थेदारों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.बताया जा रहा है कि ऐसी खबरें थीं कि वे अकाल तख्त से सिख समुदाय को संबोधित करने का मन बना रहे थे जिसके कारण पुलिस ने एहतियात के तौर पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
दीपावली के मौके पर अकाल तख्त के प्रमुख गुरबचन सिंह का रस्मी संबोधन उस वक्त शोरगुल की भेंट चढ गया जब सिख कट्टरपंथियों ने नारेबाजी की. दूसरी तरफ समानांतर रुप से ‘नियुक्त’ जत्थेदार वहां मौजूद लोगों को संबोधित करने में सफल रहे, लेकिन उनको गिरफ्तार कर लिया गया. आपको बता दें कि कट्टरपंथियों ‘सरबत खालसा’ बुलाया था और जगतार सिंह हवारा को अकाल तख्त का प्रमुख नियुक्त किया था. हवारा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेयंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी हैं.
हवारा जेल में है, इसलिए मंद अकाल तख्त के जत्थेदार की कमान संभालने पहुंचे थे. अकाल तख्त के प्रमुख बुरबचन सिंह ने सिखों से कहा कि वे ‘पंथ विरोधी ताकतों’ के खिलाफ चौकस रहें. दूसरी तरफ मंद ने मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का सामाजिक बहिष्कार करने का आह्वान किया. मंद ने स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार ‘दर्शन देवडी’ के सामने लोगों को संबोधित किया. इस बीच एसजीपीसी प्रमुख अवतार सिंह मक्कड ने लोगों से शांति बरतने की अपील की.