छोटा राजन : प्यादे से बादशाह तक का सफर

मुंबई:सिनेमा की टिकटों को ब्लैक करने वाले मामूली गुंडे से भारत के सबसे वांछित अपराधियों की कतार में पहुंचे खूंखार छोटा राजन का अपराध की दुनिया का दशकों का सफर उतार चढाव से भरपूर रहा और इस दौरान वह एक वक्त के अपने बास दाउद इब्राहिम से अलग हुआ और जानलेवा हमले से भी बच […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 26, 2015 10:38 PM

मुंबई:सिनेमा की टिकटों को ब्लैक करने वाले मामूली गुंडे से भारत के सबसे वांछित अपराधियों की कतार में पहुंचे खूंखार छोटा राजन का अपराध की दुनिया का दशकों का सफर उतार चढाव से भरपूर रहा और इस दौरान वह एक वक्त के अपने बास दाउद इब्राहिम से अलग हुआ और जानलेवा हमले से भी बच निकला.

55 वर्षीय अपराध सरगना छोटा राजन, जिसका असली नाम राजेन्द्र सदाशिव निखालजी है, की गिरफ्तारी मुंबई के अपराध जगत के इतिहास की एक बहुत बडी घटना है. उसे कल इंडोनेशिया से गिरफ्तार किया गया. राजन ने अपराध की दुनिया का अपना सफर तिलक नगर में शाहकार सिनेमा में 1970 और 80 के दशक में टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग से शुरू किया. उसने राजन महादेव उर्फ बडा राजन के साथ काम किया, जो छोटे से गिरोह का मुखिया था और माटुंगा के अपराध सरगना वर्दराजन मुदलियार के लिए काम करता था.
तिलक नगर में जन्मे छोटा राजन का परिवार आज भी वहीं रहता है. कहा जाता है कि गरीबी और निरक्षरता के कारण छोटा राजन ने छोटे मोटे अपराध करने शुरू किए.आगे बढने की चाह रखने वाला राजन जल्दी ही एक मामूली गुंडे से बडा राजन का दायां हाथ बन गया। 1983 में बडा राजन की चंद्रशेखर सफलिका और अब्दुल कुंजू ने गोली मारकर हत्या कर दी.

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