जम्मू कश्मीर में इंटरनेट सेवा पूरी तरह बहाल

श्रीनगर : ईद-उल-जुहा के दौरान किसी तरह की गडबडी की आशंका के कारण डेटा सर्विस पर रोक के जम्मू कश्मीर सरकार के आदेश के तीन दिन बाद राज्य में आज इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बहाल कर दी गयी. राज्य में लैंडलाइन ब्रॉडबैंड सर्विस भी रात में आठ बजे बहाल कर दी गयी और मोबाइल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2015 1:23 PM

श्रीनगर : ईद-उल-जुहा के दौरान किसी तरह की गडबडी की आशंका के कारण डेटा सर्विस पर रोक के जम्मू कश्मीर सरकार के आदेश के तीन दिन बाद राज्य में आज इंटरनेट सेवा पूरी तरह से बहाल कर दी गयी. राज्य में लैंडलाइन ब्रॉडबैंड सर्विस भी रात में आठ बजे बहाल कर दी गयी और मोबाइल डेटा सेवाएं आज सुबह 10 बजे शुरू की गयीं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध खत्म कर दिया गया है और डेटा सर्विस पर सभी सेवाएं बहाल करने को कहा गया है.”

असामाजिक तत्व इंटरनेट सेवा का दुरुपयोग ना करें, यह ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने शुक्रवार सुबह पांच बजे के बाद से सेवा पर रोक लगा दी थी. शनिवार को रात में 10 बजे तक के लिए प्रतिबंध को लागू किया गया। हालांकि पहले इसे रविवार दोपहर दो बजे, इसके बाद फिर लैंडलाइन ब्रॉडबैंड के मामले में आठ बजे रात तक और मोबाइल इंटरनेट के मामले में सोमवार सुबह 10 बजे तक के लिए बढा दिया गया था. उच्च न्यायालय द्वारा गौवध और गौमांस की बिक्री पर प्रतिबंध संबंधी एक पुराने कानून के क्रियान्वयन को लेकर निर्देश के मद्देनजर किसी तरह सांप्रदायिक तनाव नहीं फैले, इस कारण से यह कदम उठाया गया था.

कुछ अलगाववादियों और धार्मिक समूहों ने प्रतिंबध को ‘धार्मिक मामलों में दखलंदाजी’ बताते हुए कहा कि वे अदालत के आदेश का उल्लंघन करेंगे. विरोध के तौर पर सोशल मीडिया में सांप्रदायिक तनाव बढाने वाली तस्वीरें या वीडियो प्रसारित नहीं हों, इसलिए प्रशासन ने यह कदम उठाया था. विपक्षी दलों ने राज्य सरकार के कदम की कडी निंदा की. पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था, ‘‘विडंबना है कि प्रधानमंत्री :नरेंद्र: मोदी डिजिटल इंडिया के संपर्क की बात कर रहे हैं जबकि हमलोगों का ही संपर्क पूरी तरह से टूट गया है.” उन्होंने कहा कि पीडीपी–भाजपा सरकार राज्य के लोगों को पीछे धकेल रही है. उमर ने कहा कि मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद राज्य को गुजरात की तरह बनाने के अपने वादे से पलट रहे हैं.

उमर ने कहा, ‘‘उन्होंने राज्य को गुजरात की तरह बनाने का वादा किया था। अब मुझे लगता है कि हम गुजरात के साथ स्पर्धा कर रहे हैं कि इंटरनेट सेवा पर कौन ज्यादा प्रतिबंध लगाता है.” पुलिस ने ‘शरारती तत्वों’ को एसएमएस और व्हाट्सएप्प जैसी सेवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी. पुलिस ने कहा, ‘‘सांप्रदायिक तनाव भडकाने के मकसद से दुर्भावनापूर्ण संदेश, मोबाइल फोन पर एसएमएस और इंटरनेट संदेश सेवाओं के दुरुपयोग और हिंसक गतिविधियों पर गैरकानूनी गतिविधि :रोकथाम: कानून 1967, सूचना तकनीक कानून, रणबीर दंड सहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी.”