कांग्रेस ने कहा- सुषमा और वसुंधरा हटाओ, जीएसटी बिल पास कराओ

नयी दिल्ली : ललित मोदी प्रकरण में कांग्रेस सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. अब कांग्रेस ने नया पासा फेंका है कांग्रेस ने सरकार से दो टूक कह दिया है कि अगर आप ललित मोदी की मदद करने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ललित से व्यवसायिक संबंध रखने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 1, 2015 8:58 AM

नयी दिल्ली : ललित मोदी प्रकरण में कांग्रेस सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है. अब कांग्रेस ने नया पासा फेंका है कांग्रेस ने सरकार से दो टूक कह दिया है कि अगर आप ललित मोदी की मदद करने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ललित से व्यवसायिक संबंध रखने वाली राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से इस्तीफा नहीं लेते तो विपक्ष जीएसटी (गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स) बिल को पास करने में मदद नहीं करेगी और इसका विरोध करेगी.

दूसरी तरफ सरकार ने कांग्रेस के इस ऑफर को अस्वीकार कर दिया है. 21 जुलाई से संसद के सत्र शुरू हो रहे हैं और इस बार सरकार पर लग रहे आरोपों को लेकर संसद में हंगामे के पूरे आसार है. ऐसे में कांग्रेस कई बिल और संसद की कार्रवाई पर बाधा डाल सकती है. जीएसटी बिल को लेकर लोकसभा में सरकार के पास भले ही बहुमत हो पर राज्यसभा में इस बिल के अटकने के पूरे आसार है. कांग्रेस सरकार की इस कमजोरी को पूरी तरह समझती है.

ललित मोदी के प्रकरण पर संसद में जोरदार हंगामे के आसार है. राज्यसभा में क्षेत्रिय पार्टियां भी इस मुद्दे पर कांग्रेस का साथ देंगी जिससे सरकार के लिए नयी पेरशानी खड़ी हो सकती है. कांग्रेस इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी निशाना साध रही है कभी उन्हें मौननेंद्र तो कभी कुंभकर्ण की नींद से जागने की सलाह देकर कांग्रेस अपने पक्ष को मजबूती से खड़ा करने की कोशिश कर रही है ताकि संसद के मौनसून सत्र में सरकार को घेरा जा सके.

सरकार अगर कांग्रेस के दबाव में आकर वसुंधरा राजे और सुषमा स्वराज से इस्तीफा ले लेती है तो कांग्रेस जीएसटी बिल को पास करने के लिए अपने सदस्यों से वॉकआउट करने की सलाह दे सकता है. हालांकि इस कदम से सरकार की छवि पर गहरा असर पड़ेगा. कांग्रेस इस मुद्दे पर अभी भी आक्राम रुख अपनाये हुए हैं और लगातार वसुंधरा राजे और ललित मोदी के व्यवसायिक रिश्ते को लेकर खुलासे कर रही है. वसुंधरा राजे की संपत्तियों पर भी निशाना साधा जा रहा है जिसमें धौलपुर के महल को सरकारी संपत्ति साबित करने के लिए कांग्रेस कई दस्तावेज पेश कर चुकी है.

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