कैलाश मानसरोवर के श्रद्धालुओं के लिए आज नाथूला दर्रा खोलेगा चीन

याडोंग (तिब्बत) : श्रद्धालुओं के लिए चीन और भारत सीमा से बस के जरिये कैलाश मानसरोवर की यात्रा को सुगम बनाने हेतु सोमवार को सिक्किम की नाथूला सीमा बिंदु खोली जायेगी. इससे पहाडी रास्तों पर चलकर और घोडे पर बैठकर सफर करने की मुश्किलों से बचा जा सकेगा. 44 श्रद्धालुओं और सहायता कर्मियों का पहला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2015 11:20 PM

याडोंग (तिब्बत) : श्रद्धालुओं के लिए चीन और भारत सीमा से बस के जरिये कैलाश मानसरोवर की यात्रा को सुगम बनाने हेतु सोमवार को सिक्किम की नाथूला सीमा बिंदु खोली जायेगी. इससे पहाडी रास्तों पर चलकर और घोडे पर बैठकर सफर करने की मुश्किलों से बचा जा सकेगा. 44 श्रद्धालुओं और सहायता कर्मियों का पहला जत्था कल इस बिंदु से चीन में प्रवेश करेगा. यह जगह यहां से करीब 31 किलोमीटर दूर है.

श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए एक बडे समारोह की योजना बनायी गयी है जिसमें भारत में चीन के राजदूत ली यूचेंग और बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास के राजनयिक हिस्सा लेंगे. पिछले साल चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान दूसरे रास्ते को खोलने से जुडा समझौता किया गया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व में शी से श्रद्धालुओं की मुश्किलें कम करने के लिए इस रास्ते को खोलने का अनुरोध किया था. मोदी उत्तराखंड और नेपाल के पारंपरिक दुर्गम रास्तों को ध्यान में रखते हुए कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए दूसरा रास्ता चाहते थे. विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित की जाने वाली यात्रा पूर्व में हिमालय के लिपू दर्रे से होते हुए पूरी होती थी. लिपू दर्रा उत्तराखंड के कुमाउं से तिब्बत के तकलाकोट शहर को जोडता है.

विदेश मंत्रालय 22 दिनों की यात्र के लिए 18 जत्थों में 1,000 से अधिक लोगों को यात्रा की मंजूरी देता है. नाथूला के रास्ते से श्रद्धालु बस के सहारे कैलाश की 1,500 किलोमीटर लंबी यात्रा पूरी करेंगे.