आज राज्यसभा में पेश होगा जीएसटी बिल, विपक्षी कर सकते हैं हंगामा

नयी दिल्लीः आज राज्यसभा में जीएसटी बिल पेश हो सकता है. इसे कल ही राज्यसभा में पेश होना था लेकिन भारी हंगामे के कारण बिल पेश नहीं हो सका. जीएसटी बिल के माध्यम से सरकार टैक्स प्रणाली में बड़े बदलाव की तरफ कदम उठा रही है. कांग्रेस इस बिल का विरोध कर रही है. यह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 12, 2015 8:58 AM

नयी दिल्लीः आज राज्यसभा में जीएसटी बिल पेश हो सकता है. इसे कल ही राज्यसभा में पेश होना था लेकिन भारी हंगामे के कारण बिल पेश नहीं हो सका. जीएसटी बिल के माध्यम से सरकार टैक्स प्रणाली में बड़े बदलाव की तरफ कदम उठा रही है. कांग्रेस इस बिल का विरोध कर रही है. यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है और राज्यसभा में अबतक अटका हुआ है. केंद्र सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है.

कांग्रेस इस बिल पर राज्यसभा में चर्चा करने का तैयार नहीं. कांग्रेस की मांग है कि इसे स्टैंडिग कमेटी को भेजी जाए ताकि इस बिल के प्रमुख बिंदुओं पर लोग बैठकर विचार कर सके. कांग्रेस के साथ कई पार्टियां भी इस बिल का विरोध कर रही है. चुकि यह एक संविधान संशोधन बिल है इसलिए इसे दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले ही इस बिल के फायदे गिना चुके हैं लेकिन इसके बावजूद भी विपक्षी इस बिल के समर्थन में नहीं आ रहे. लोकसभा में जीएसटी विधेयक गुरूवार को पारित हो चुका है. सरकार ने संसद के बजट सत्र का समय तीन दिन बढ़ाया है ताकि जीएसटी विधेयक और महत्वपूर्ण माने जा रहे भूमि अधिग्रहण विधेयक को राज्यसभा में पारित कराया जा सके.
इस बिल को राज्यसभा में पास कराने के लिए सरकार के पास अपने तर्क हैं तो विपक्षी दल भी इस बिल के कई बिंदुओं पर अपनी असहमति के कारण राज्यसभा में इसका सहयोग नहीं कर रहे हैं. आइये जानने की कोशिश करते हैं कि ऐसे कौन से पक्ष है जिसके कारण यह लटका हुआ है. जीएसटी बिल को संसद से पारित कराने के बाद देश के सभी राज्यों में से आधे से ज़्यादा राज्यों की विधानसभाओं में भी मंज़ूरी लेनी होगी.
क्या है जीएसटी
*एक ही टैक्स प्रणाली लागू
*लोकल टैक्स ख़त्म हो जाएंगे
*एक प्रोडक्ट पर लगभग एक जैसा ही टैक्स
*टैक्स का बराबर हिस्सा केंद्र और राज्यों को मिलेगा
जीएसटी को लेकर विरोध क्यों?
*बिल को सलेक्ट कमेटी को भेजना चाहती है कांग्रेस
*राज्यों को आशंका कि उन्हें पहले से कम टैक्स मिलेगा
*27% से ज़्यादा जीएसटी चाहते हैं राज्य
*पेट्रोल डीज़ल को जीएसटी से बाहर रखना चाहते हैं कुछ राज्य

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