”आप” के राजनीतिक मामलों की समिति से योगेंद्र यादव का कट सकता है पत्‍ता

नयी दिल्‍ली : आम आदम पार्टी में राजनीतिक मामलों की समिति ‍का पुर्नगठन होने वाला है. ऐसे में आशंका जतायी जा रही है कि योगेंद्र यादव की पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति सेछुट्टी हो जाएगी. आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा पार्टी की राजनीतिकमामलों कीसमिति (पीएसी) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2015 10:56 AM

नयी दिल्‍ली : आम आदम पार्टी में राजनीतिक मामलों की समिति ‍का पुर्नगठन होने वाला है. ऐसे में आशंका जतायी जा रही है कि योगेंद्र यादव की पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति सेछुट्टी हो जाएगी. आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा पार्टी की राजनीतिकमामलों कीसमिति (पीएसी) को नए सिरे से गठित करने के अधिकार प्रदान करने के बाद से यह उम्‍मीद जतायी जा रही है.

गौरतलब है कि योगेंद्र यादव से पार्टी के कुछ नेता खफा हैं. दरअसल नेताओं का कहना है कि योगेंद्र यादव ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पार्टी में लोकतंत्र ना होने का आरोप लगाते हुए एक चिट्ठी लिखी थी. इसे लेकर आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता उनसे नाराज चल रहे हैं.
दिल्‍ली में सरकार बनने के बाद गुरुवार को पहली बार हुई राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में योगेंद्र यादव को लेकर खूब गहमा गहमी हुई. राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के एक गुट और योगेंद्र यादव के बीच हुई जोरदार बहस के बाद नेताओं ने दिल्ली चुनाव में उनकी भूमिका को लेकर सवाल खड़े कर दिए.
इस मीटिंग में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया खुद अनुपस्थित थे. उन्‍होंने पार्टी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के संयोजक पद से हटने के लिए इस्तीफाभिजवाया था. जिसे लेकर अफरा-तफरी मच गयी. अरविंद केजरीवाल का कहना था कि वो अपना सारा ध्‍यान दिल्‍ली पर देना चाहते हैं. लेकिन राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी ने उनका इस्‍तीफा खारिज कर दिया. इस पर राष्‍ट्रीय संयोजक बनाने के योगेंद्र यादव के नाम पर बहस छिड़ गयी थी.
इसके बाद राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की दूसरी बैठक शुक्रवार को एक बंद कमरे में हुई. जिसमें पार्टी की राजनीतिक मामलों की समि‍ति (पीएसी) को फिर से गठित करने के लिए अरविंद केजरीवाल को अधिकार प्रदान किया गया. योगेंद्र यादव के रवैये से केजरीवाल भी ज्‍यादा खुश नहीं नजर आ रहे हैं. देखना यह है कि केजरीवाल द्वारा बनने वाले पीएससी के नये स्‍वरूप का चेहरा कौन होगा.