”भारत-अमेरिका के बीच बढता सहयोग किसी अन्य देश की जगह लेना नहीं”

नयी दिल्ली : अमेरिकी अधिकारियों ने आज कहा कि रुस के साथ भारत के पुराने संबंध हैं और नयी दिल्ली के साथ अमेरिका का बढता सहयोग किसी अन्य को बाहर करने की कोशिश नहीं है. अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 27, 2015 3:11 AM

नयी दिल्ली : अमेरिकी अधिकारियों ने आज कहा कि रुस के साथ भारत के पुराने संबंध हैं और नयी दिल्ली के साथ अमेरिका का बढता सहयोग किसी अन्य को बाहर करने की कोशिश नहीं है. अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दूसरे दिन यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रुस का भारत के साथ पुराना संबंध है.

उन्होंने कहा, ‘रुस के साथ भारत संबंधों को जारी रखेगा लेकिन हमारा मानना है कि लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करना हमारे लिए जरुरी है. हमे गर्व है कि हम कई क्षेत्रों में भारत के साथ अपना सहयोग बढा रहे हैं लेकिन हम किसी को भी भारत से बाहर करने की कोशिश के तहत ऐसा नहीं कर रहे हैं.’ रोड्स ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘हम ऐसा कर रहे हैं क्योंकि हमारा मानना है कि यह हमारे और भारत के हित में है.’

उन्होंने कहा कि भारत को रक्षा उत्पाद के निर्यात के मामले में अमेरिका जल्द ही रुस से भी आगे निकलने की ओर बढ रहा है. उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम रक्षा संबंधों को बढाने के प्रति बहुत आश्वस्त हैं, यहां तक कि हम मानते हैं कि रुस के साथ एक लंबा और पुराना संबंध है.’

रोड्स ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को उस वक्त असहज महसूस नहीं हुआ जब रुस निर्मित साजो सामन गणतंत्र दिवस परेड के प्रदर्शित किये गए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के विचार के संबंध में मुझे लगता है कि यह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है कि परेड में राष्ट्रपति के आगे से कौन से साजो सामान गुजरे बल्कि यह तो इस देश की परंपरा है.

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