सीबीआइ के अतिरिक्त निदेशक आर.के. दत्ता सम्हालेंगे अब 2जी जांच की कमान
नयी दिल्ली: कल उच्चतम न्यायालय की ओर से सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच से अलग करने का निर्देश दिए जाने के बाद अब इस मामले की जांच का नेतृत्व रूपक कुमार दत्ता करेंगे. वर्तमान में आर.के. दत्ता सीबीआइ के अतिरिक्त निदेशक हैं. कर्नाटक कैडर के 1981 बैच के आइपीएस अधिकारी […]
नयी दिल्ली: कल उच्चतम न्यायालय की ओर से सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच से अलग करने का निर्देश दिए जाने के बाद अब इस मामले की जांच का नेतृत्व रूपक कुमार दत्ता करेंगे. वर्तमान में आर.के. दत्ता सीबीआइ के अतिरिक्त निदेशक हैं. कर्नाटक कैडर के 1981 बैच के आइपीएस अधिकारी रूपक कुमार दत्ता सीबीआइ के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के प्रभारी हैं.
सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि शुरुआत में यह स्पष्ट नहीं था कि रंजीत सिन्हा के बाद सीबीआइ में नंबर दो माने जाने वाले अनिल सिन्हा (विशेष निदेशक) जांच की अगुवाइ करेंगे या फिर एसीबी की कमान संभाल रहे दत्ता जांच का नेतृत्व करेंगे.
सूत्रों ने कहा कि यह फैसला किया गया है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार जांच का दल का नेतृत्व कर रहे व्यक्ति को 2जी मामले की जांच का प्रभार देना चाहिए.
कुछ दिनों के भीतर सेवानिवृत्त होने जा रहे रंजीत सिन्हा को कल उस वक्त करारा झटका लगा जब देश की सबसे बड़ी अदालत ने उन्हें यह कहते हुए 2जी मामले की जांच से अलग कर दिया कि कुछ आरोपियों को बचाने को लेकर उनके खिलाफ लगाए गए आरोप ‘प्रथम दृष्टया विश्वसनीय’ दिखाई पड़ते हैं.
उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की जांच की कमान रंजीत सिन्हा के बाद जांच दल में मौजूद वरिष्ठतम अधिकारी को सौंप दी थी. न्यायालय ने इस मुद्दे पर विस्तृत आदेश देने से इंकार किया था. इस मामले पर न्यायालय का कहना था कि ऐसा करने से देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी की ‘छवि और प्रतिष्ठा’ को धक्का लगेगा.
