राजस्थान में अपनी सरकार होने के बाद अब वाड्रा लैंड डील पर भाजपा चुप क्यों है?

नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने दामाद राबर्ट वाड्रा के कथित रूप से विवादस्पद जमीन खरीद की कीमत लोकसभा चुनाव में चुकायी. पर, प्रतिद्वंद्वी भाजपा अब सोनिया गांधी से वाड्रा भूमि विवाद की और कीमत वसूलने के मूड में है. भाजपा के शीर्ष नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाड्रा भूमि खरीद मामले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2014 5:17 PM
नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने दामाद राबर्ट वाड्रा के कथित रूप से विवादस्पद जमीन खरीद की कीमत लोकसभा चुनाव में चुकायी. पर, प्रतिद्वंद्वी भाजपा अब सोनिया गांधी से वाड्रा भूमि विवाद की और कीमत वसूलने के मूड में है. भाजपा के शीर्ष नेता व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाड्रा भूमि खरीद मामले को लेकर हरियाणा की भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार पर हमलावर हैं.
मोदी ने आज हरियाणा के हिसार में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हुड्डा ने जाते-जाते ऊपर से डंडा चलने पर दामाद का काम कर दिया, लेकिन चुनाव बाद दामाद को कुछ मिलने वाला नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि डील चुनाव अचार संहिता लगने के बाद हुई, इसलिए चुनाव आयोग इस मामले को संज्ञान में लेकर इसकी जांच करे. वहीं, हुड्डा ने इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि अगर कोई यह साबित कर दे कि डीएलएफ को दी गयी जमीन की एक इंच भी सरकार की है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा.
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हरियाणा में जहां भाजपा इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठा कर इसका राजनीतिक दोहन करने की कोशिश में है, वहीं स्वयं के द्वारा शासित राज्य राजस्थान में हुए इस तरह की लैंड डील पर वह खामोश है. पिछले साल हुए राजस्थान विधानसभा में भी भाजपा ने कांग्रेस के अशोक गहलौत के शासन में कथित रूप से वाड्रा को रियायती मूल्यों पर दी गयी जमीन के मामले को मुद्दा बनाया था. भाजपा ने उस समय एलान किया था कि वह सत्ता में आने के बाद इस मामले की जांच करायेगी.
राजस्थान में सत्ता में आने के बाद वसुंधरा सरकार ने इसकी जांच के लिए भूमि राजस्व बोर्ड को निर्देश दिया था. जिन तीन जिलों जोधपुर, बाड़मेड़ व बिकानेर में वाड्रा को जमीन देने की बात कही गयी थी, वहां के जिला कलेक्टरों को इस मामले की जांच का भी आदेश दिया गया था. भाजपा सांसद भूपेंद्र सिंह यादव व अजरुन राम मेघवाल ने भी कुछ माह पूर्व इसकी जांच की मांग की थी. उस समय गहलौत ने ऐसे आरोपों को खारिज किया था. राजस्थान में वाड्रा पर आरोप लगाया गया है कि गहलौत सरकार ने उन्हें सोलर पार्क के लिए रियायती दर पर दी जाने वाली जमीन दे दी है. यह जमीन उन्हें वहां 2009-12 के बीच दी गयी है. वसुंधरा सरकार बनने के बाद इस मामले पर सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय नजर रख रहा था, लेकिन अबतक इस मामले में फिलहाल वहां कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है.
भूपेंद्र, मेघवाल के अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद, जगत प्रसाद नड्डा व राजेंद्र अग्रवाल ने भी मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच की मांग की थी. इनका कहना था कि राजस्थान में सिलिंग एक्ट लागू है और अगर सामान्य आदमी इसका उल्लंघन करता है, तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. वाड्रा पर आरोप लगता रहा है कि वे रियायती दरों पर जमीन को खरीद कर उसे ऊची कीमत पर बेच देते हैं.