स्विस बैंक में भारतीयों का काला धन, 100 खातों के डिटेल मिले

नयी दिल्ली : भारत सरकार ने स्विट्जरलैंड के गोपनीय कानून से पार पा लिया है. दो स्विस बैंक में काला धन जमा करनेवाले 100 भारतीयों के बैंक डिटेल उसे मिल गये हैं. इन पर 50 से 80 करोड़ रुपये का टैक्स लगाया जा सकता है. स्विट्जरलैंड ‘घरेलू कानूनी बाध्यता’ और ‘संधि’ के नाम पर सूचना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 25, 2014 9:16 AM

नयी दिल्ली : भारत सरकार ने स्विट्जरलैंड के गोपनीय कानून से पार पा लिया है. दो स्विस बैंक में काला धन जमा करनेवाले 100 भारतीयों के बैंक डिटेल उसे मिल गये हैं. इन पर 50 से 80 करोड़ रुपये का टैक्स लगाया जा सकता है. स्विट्जरलैंड ‘घरेलू कानूनी बाध्यता’ और ‘संधि’ के नाम पर सूचना देने से इनकार करता था. लेकिन आयकर विभाग ने खाताधारकों के माध्यम से ही उनके खाते में ट्रांजैक्शन समेत तमाम डिटेल हासिल कर ली.

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) को पिछले वित्त वर्ष में ‘आधिकारिक और अनौपचारिक’ चैनलों से टैक्स चोरी करनेवाले संदिग्ध लोगों की सूची मिली थी. उसने इन लोगों की जांच-पड़ताल की. सीबीडीटी ने आयकर विभाग से कहा कि संदिग्ध खाताधारकों से बात करें कि वे सरकार से सहयोग करें और अपने बैंक से खाते का डिटेल निकाल कर एजेंसी को उपलब्ध करायें, तो उन पर ‘जान-बूझ कर धोखधड़ी’ करने का मामला नहीं चलेगा. सिर्फ कर चोरी का मामला चलाया जायेगा. इस तरह वे कठोर कार्रवाई से बच जायेंगे.

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, चंडीगढ़ और बेंगलुरु के 100 से अधिक खाताधारक इस पर सहमत हो गये. इनकी मदद से भारत सरकार को कालाधन से जुड़े कई कठिन मामले सुलझाने में मदद मिली. आयकर विभाग ने इस विवरण को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) के साथ भी साझा किया गया. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि भारत सरकार के बार-बार के आग्रह के बावजूद स्विस सरकार ने भारतीय खाताधारकों के नाम सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया. लेकिन, ‘एचएसबीसी’ की लिस्ट, जो कथित तौर पर एक कर्मचारी ने चोरी की थी और भारत समेत कई देशों को उपलब्ध कराया था, के जरिये भारतीय अधिकारी उन लोगों तक पहुंच गये.

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