दिल्ली चुनाव : नेताओं को चमकाने में पीआर एजेंसियों की चांदी, 20 दिनों के लिए वसूल रहीं 10 लाख

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है. आम आदमी पार्टी को छोड़कर भले भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, लेकिन कई संभावित उम्मीदवारों ने अपना टिकट पक्का मान कर अपनी इमेज को और चमकाने के लिए पब्लिक रिलेशन एजेंसियों को हायर करना शुरू कर दिया है. छोटी से छोटी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 17, 2020 7:07 AM
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है. आम आदमी पार्टी को छोड़कर भले भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, लेकिन कई संभावित उम्मीदवारों ने अपना टिकट पक्का मान कर अपनी इमेज को और चमकाने के लिए पब्लिक रिलेशन एजेंसियों को हायर करना शुरू कर दिया है.
छोटी से छोटी पीआर एजेंसी भी नेताजी को सबसे बेहतर उम्मीदवार बताने के लिए 20-25 दिनों का न्यूनतम पांच लाख रुपये वसूल रही हैं. बड़ी पीआर कंपनियां इसके लिए 10 लाख से अधिक वसूल रही हैं. हालत यह है कि कई बड़ी एजेंसियों के पास काम इतना हो चुका है कि वे आगे काम लेने से इंकार कर रही हैं. कुछ एजेंसियों को पार्टी ने ही हायर कर लिया है, तो कुछ एजेंसियों के पास अलग-अलग दलों के नेताओं को चमकाने का कॉन्ट्रैक्ट है.
एक प्रमुख पीआर एजेंसी के चीफ ने बताया कि उनके पास अब तक एक दर्जन से अधिक संभावित उम्मीदवारों के पीआर का काम आ चुका है. उन्होंने बताया कि कुछ कैंडिडेट तो मनचाहा काम करवाने और रिजल्ट पाने के लिए मुंहमांगा खर्च करने को तैयार हैं. ऐसा नहीं है कि बड़ी पार्टियां ही पीआर एजेंसियों को हायर कर रही हैं. कई निर्दलीय उम्मीदवार भी ऐसी एजेंसियों के संपर्क में हैं. सभी कैंडिडेट जीतने की जी तोड़ कोशिश में लगे हैं.
बड़ी एजेंसियां ने काम लेना किया बंद, छोटी एजेंसियों का बढ़ गया भाव
उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की हुई बैठक.
कांग्रेस की भी आज आ सकती है सूची.
नेताओं के हर दिन का प्रोग्राम तय करेंगी कंपनियां
नेताजी की इमेज चमकाने के लिए पीआर कंपनियां सबसे पहले उनके हर दिन का प्रोग्राम तय कर रही हैं. सोशल मीडिया पर नेताजी को और अधिक सक्रिय करती हैं.
फेसबुक और ट्विटर आदि पर लगातार अपटेड डालकर जनता को ज्यादा से ज्यादा लाइक्स दिलवाने या उनके ट्वीट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करने या ट्रेंड में लाने के लिए भी बकायदा कुछ लोग तैनात किये गये हैं. एसएमएस के जरिये भी कैंपेनिंग की जा रही है. नेताओं के प्रोफाइल मेकिंग से लेकर वेबसाइट बनाने का काम किया जा रहा है. उम्मीदवारों की समाचार पत्रों में अधिक से अधिक खबरों को छपवाने और न्यूज चैनलों में बाइट चलवाने की कोशिश की जा रही है. क्षेत्र की समस्याओं को भी उजागर करने की भरपूर कोशिश की जा रही है. मेक ओवर के काम किये जा रहे हैं.
अब तक 41 मुकदमे, 53 लाख रुपये जब्त
दिल्ली चुनाव कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, आचार संहिता का उल्लंघन करने पर अब तक 41 मुकदमे दर्ज किये जा चुके हैं, जबकि 53 लाख 38020 रुपये जब्त किये जा चुके हैं. 41 एफआइआर और चार डीडी एंट्री आचार संहिता उल्लंघन पर की गयी हैं. इनमें से 20 गैर राजनीतिक मुकदमे हैं. शस्त्र अधिनियम के तहत 100 मुकदमे दर्ज हुए हैं. सभी कार्रवाई छह जनवरी को आचार संहिता लागू होने के बाद की हैं. दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष संपन्न कराने के लिए सभी एजेंसियों को अलर्ट पर रखा हुआ है.
267 मुकदमे हुए आबकारी अधिनियम के तहत
277 लोगों को किया गया है गिरफ्तार
109.65 किलो मादक पदार्थ जब्त
1245 लोगों पर सीआरपीसी के तहत केस दर्ज
4.02 लाख होर्डिंग, बैनर और पोस्टर दिल्ली के विभिन्न इलाकों से हटाये गये
28500 लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस अधिनियम के तहत मामला दर्ज
113 अवैध हथियार व 175 कारतूस भी दिल्ली पुलिस ने पकड़े

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