भाजपा का आरोप : शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस का गवर्नर को सौंपा गया बहुमत का पत्र ‘फर्जी”

मुंबई : भाजपा नेता आशीष शेलार ने सोमवार को शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल को सौंपे गये पत्र को ‘फर्जी’ करार दिया, जिसमें दावा किया गया कि उनके पास राज्य में सरकार बनाने के लिए संख्या बल है. चुनाव के बाद तीनों दलों द्वारा बनाये गये महागठबंधन ‘महा विकास आघाडी’ ने सोमवार को सुबह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 25, 2019 4:14 PM

मुंबई : भाजपा नेता आशीष शेलार ने सोमवार को शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल को सौंपे गये पत्र को ‘फर्जी’ करार दिया, जिसमें दावा किया गया कि उनके पास राज्य में सरकार बनाने के लिए संख्या बल है.

चुनाव के बाद तीनों दलों द्वारा बनाये गये महागठबंधन ‘महा विकास आघाडी’ ने सोमवार को सुबह राज्यपाल के कार्यालय को एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया कि उसके पास बहुमत है, जबकि हाल ही में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले देवेंद्र फडणवीस के पास आवश्यक संख्या बल नहीं है. पत्र पर शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, राकांपा के राज्य प्रमुख जयंत पाटिल और कांग्रेस महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख बालासाहेब थोराट ने हस्ताक्षर किये थे. शेलार ने यहां संवाददाताओं से कहा, यह एक फर्जी पत्र है क्योंकि तकनीकी रूप से अजित पवार अभी भी राकांपा के विधायक दल के नेता हैं और उन्होंने भाजपा को समर्थन दिया है.

उन्होंने कहा, राकांपा ने अभी भी अजित पवार को पार्टी के विधायक दल के नेता और पार्टी की सदस्यता से निलंबित नहीं किया है. इसलिए, अजित पवार अभी भी विधानसभा में राकांपा के नेता हैं. शेलार ने कहा कि राकांपा ने जयंत पाटिल को अजित पवार की शक्तियां जरूर सौंप दी हैं, लेकिन पार्टी ने विधानसभा में नेता पद का चुनाव अभी तक नहीं किया है. भाजपा विधायक ने कहा, उनकी शक्तियों को अभी तक राज्य के राज्यपाल द्वारा मान्य नहीं किया गया है. इसके अलावा, कांग्रेस ने भी सदन का नेता नहीं चुना है, इसलिए बालासाहेब थोराट के राज्य अध्यक्ष के रूप में हस्ताक्षर का कोई मतलब नहीं है.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शनिवार की सुबह भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी. इसके बाद से शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने अपने-अपने विधायकों को मुंबई के अलग-अलग होटलों में ठहराया है. फडणवीस और अजित पवार के शपथ ग्रहण के बाद इन तीनों दलों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है, जिस पर शीर्ष अदालत मंगलवार को फैसला सुनायेगी.

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