JNU छात्रों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर राज्यसभा में हंगामा, विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना, BJP का पलटवार

नयी दिल्ली : फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को बाधित हुई. विपक्षी दलों के नेताओं ने एक लोकतांत्रिक आंदोलन को ‘दबाने’ के लिए मोदी सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की आलोचना की। हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने संदेह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 19, 2019 5:42 PM

नयी दिल्ली : फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को बाधित हुई.

विपक्षी दलों के नेताओं ने एक लोकतांत्रिक आंदोलन को ‘दबाने’ के लिए मोदी सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की आलोचना की। हालांकि, सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने संदेह जताया.

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ लोग जेएनयू को ‘शहरी नक्सलवाद’ का केंद्र बनाना चाहते हैं. उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा, ‘जेएनयू में जो कुछ हो रहा है उसके लिए छात्रावास फीस बढ़ोतरी एक बहाना है. कुछ लोग जेएनयू को शहरी नक्सलवाद का केंद्र बनाना चाहते हैं. यह वही जेएनयू है जहां ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ के नारे लगे थे और जहां अफजल गुरु की बरसी मनायी गई थी.

आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की आलोचना की और आरोप लगाया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब विश्वविद्यालय के छात्रों को उनकी उचित मांगों को उठाने के लिए ‘बेरहमी से पीटा’ गया. सिंह ने कहा, ‘यह वही दिल्ली पुलिस है जो यह शिकायत कर रही थी कि वकीलों द्वारा हमला किये जाने के बाद उनकी वर्दी पर धब्बा लगा है. एक दृष्टि बाधित छात्र सहित बेगुनाह छात्रों को पीटने से उनकी वर्दी पर धब्बा नहीं लगा.’

राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शनकारी जेएनयू छात्रों पर कथित पुलिस कार्रवाई और जम्मू कश्मीर में नेताओं की हिरासत को लेकर विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी. भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि छात्रों पर पुलिस बल का इस्तेमाल बर्बर और अभूतपूर्व है.

उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार और जेएनयू प्रशासन को यह समझना चाहिए कि छात्र न केवल अपने लिये बल्कि अपने समुदाय के भविष्य के लिए भी लड़ रहे हैं. राजा ने आरोप लगाया कि जेएनयू प्रशासन अपना ‘एजेंडा’ थोपने के लिए छात्रों की असहमति की लोकतांत्रिक आवाज को पुलिस बल का इस्तेमाल करके ‘दबाने’ का प्रयास कर रहा है जो कि विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है.

जेएनयू के छात्र छात्रावास फीस वृद्धि को पूरी तरह से वापस लेने की मांग को लेकर सोमवार को जब संसद की ओर मार्च कर रहे थे तब पुलिस ने करीब 100 छात्रों को हिरासत में ले लिया, जबकि पुलिस द्वारा कथित रूप से किये गए लाठीचार्ज में कुछ छात्र घायल हो गए.

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