महाराष्ट्र का सीएम कौनः सोनिया गांधी-शरद पवार की बैठक आज, उद्धव ठाकरे का अयोध्या दौरा रद्द

मुंबईः महाराष्ट्र में एक वैकल्पिक सरकार गठित करने के राकांपा(एनसीपी) कोर समिति के संकल्प के एक दिन बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 24 नवंबर को निर्धारित अयोध्या की अपनी यात्रा स्थगित कर दी है. शिवसेना के एक नेता ने सोमवार को यह जानकारी दी. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 18, 2019 1:42 PM
मुंबईः महाराष्ट्र में एक वैकल्पिक सरकार गठित करने के राकांपा(एनसीपी) कोर समिति के संकल्प के एक दिन बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 24 नवंबर को निर्धारित अयोध्या की अपनी यात्रा स्थगित कर दी है. शिवसेना के एक नेता ने सोमवार को यह जानकारी दी. महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने की संभावना है.
ठाकरे ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मालिकाना हक विवाद पर उच्चतम न्यायालय के नौ नवंबर के फैसले के मद्देनजर घोषणा की थी कि वह 24 नवंबर को अयोध्या जाएंगे. शिवसेना के एक नेता ने कहा कि सरकार गठन की प्रक्रिया में समय लग रहा है. तीन दलों (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) के नेता बैठक कर रहे हैं. वे सरकार गठन की ओर आगे बढ़ रहे हैं.
इन गतिविधियों के मद्देनजर उद्धवजी ने अयोध्या का अपना दौरा स्थगित करने का फैसला किया है. उन्होंने अयोध्या में सुरक्षा संबंधी चिंताओं का भी जिक्र किया. नेता ने कहा, कि सुरक्षा एजेंसियों ने अयोध्या और (रामजन्मभूमि) स्थल जाने की योजना बना रहे राजनीतिक दलों को अनुमति देने से पहले ही इनकार कर दिया है.
उल्लेखनीय है कि राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने यहां रविवार शाम बताया था कि पवार और सोनिया सोमवार को मुलाकात करेंगे. वे महाराष्ट्र में एक वैकल्पिक सरकार के गठन की संभावना पर विचार करेंगे. राज्य में 12 नवंबर से राष्ट्रपति शासन लागू है. उन्होंने बताया था कि राकांपा और कांग्रेस के नेता मंगलवार को मुलाकात करेंगे और भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श करेंगे.
विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद किसी भी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करने के बाद महाराष्ट्र में 12 नवम्बर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर सहमति नहीं बन पाने पर भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना समर्थन के लिए कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के पास गई थी.
288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 105 और शिवसेना के 56 सीटें जीतने के बाद भगवा गठबंधन ने आसानी से बहुमत हासिल कर लिया था. कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

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