बोरवेल में 100 फीट की गहराई में फंसे बच्चे को सकुशल निकाला गया, लगातार 52 घंटे तक चला बचाव अभियान

नयी दिल्ली: तमिलनाडू के तिरुचिरापल्ली जिले के नादुकाट्टुपट्टी में सुजीत विल्सन नाम का दो साल का बच्चा खुले बोरवेल में गिर गया. शुक्रवार की शाम वो बोरवेल में गिरा और 30 फीट की गहराई पर जाकर फंस गया था लेकिन शनिवार को जब रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था, उसको थामी हुई रस्सी की गांठ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 28, 2019 9:21 AM

नयी दिल्ली: तमिलनाडू के तिरुचिरापल्ली जिले के नादुकाट्टुपट्टी में सुजीत विल्सन नाम का दो साल का बच्चा खुले बोरवेल में गिर गया. शुक्रवार की शाम वो बोरवेल में गिरा और 30 फीट की गहराई पर जाकर फंस गया था लेकिन शनिवार को जब रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था, उसको थामी हुई रस्सी की गांठ टूट गयी और वो 100 फीट की गहराई में जा गिरा.

सकुशल निकाल लिया गया सुजीत विल्सन को

बचाव अभियान चलाया गया जिसके बाद बच्चे को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया है. इस दौरान तमिलनाडू के मुख्यमंत्री ओ पलानीसामी और उपमुख्यमंत्री पनीरसेल्वम नजदीक से रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग करते रहे. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, मदुरै अग्निशमन विभाग सहित तमिलनाडू पुलिस के जवान रेस्क्यू अभियान में लगे हुए हैं. तमिलनाडू के स्वास्थ्य मंत्री ली विजयभास्कर, राजस्व मंत्री आरबी उदय कुमार और राजस्व आयुक्त जे राधाकृष्णन घटनास्थल पर मौजूद रहे.

शुक्रवार की शाम को बोरवेल में गिरा था बच्चा

घटना के संबंध मिली जानकारी के मुताबिक सुजीत विल्सन नाम का बच्चा शुक्रवार की शाम को खेलते समय इस बोरवेल में गिर गया था. पहले वो बोरवेल में 30 फीट की गहराई तक अटका हुआ था लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान चट्टानों के खिसकने से वो रस्सी टूट गयी जिसपे बच्चा फंसा हुआ था. इसकी वजह से बच्चा 100 फीट की गहराई तक गिर गया. जानकारी के मुताबिक अधिकारियों ने बच्चे को ऑक्सीजन देते रहने का भी इंतजाम किया था.

मशीनों के जरिए रोने की आवाज सुन पा रहे थे

रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के अंदर कुछ मशीनें लगाईं थी जिसके जरिए वो बच्चे के रोने की आवाज सुन पा रहे थे. हालांकि जब बच्चा 100 फीट की गहराई में जाकर फंस गया तो फिर उसके रोने की आवाजें आनीं बंद हो गयी थी. अधिकारियों ने पहले बोरवेल के समानांतर एक और बोरवेल खोदकर बच्चे को निकालने की कोशिश की लेकिन ड्रिलिंग मशीनें चट्टानों से टकराने लगी.

अधिकारियों ने ये प्लान कैंसिल कर दिया क्योंकि ड्रिलिंग मशीन के चट्टानों से टकराने से कंपन पैदा होता है जिसकी वजह से बच्चे के आसपास की गीली मिट्टी खिसक सकती थी और बच्चा और अधिक गहराई में जा सकता था.

इसके बाद बच्चे को बाहर निकालने के लिए रोबोटिक मशीनों का इस्तेमाल किया गया लेकिन वो भी कारगर नहीं हुआ. वहां रेस्क्यू के लिए मौजूद तकनीकी टीमों ने वो सभी तरीका आजमाया जिसके जरिए बच्चे को बाहर निकाला जा सकता था. आखिरकार उनकी कोशिश रंग लाई और बच्चे को बचा लिया गया. फिलहाल उस बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है.

रजनीकांत ने भी मांगी थी सलामती की दुआ

इस बीच अभिनेता-राजनेता कमल हासन ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर तमिलनाडू सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि बोरवेल की खुदाई करके इस तरह से खुला छोड़ देना अपराध है. कमल हासन ने कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. वहीं रजनीकांत ने बच्चे की सकुशल वापसी के लिए प्रार्थना की. उन्होंने कहा कि मैं बच्चे की सुरक्षित होने और बचा लिए जाने की कामना करता हूं. इस दौरान आम लोगों ने भी सुजीत विल्सन की सकुशल होने की दुआ मांगी.

Next Article

Exit mobile version