रेलिगेयर घोटाला : सिंह बंधु, तीन अन्य को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटरों मालविंदर सिंह, उनके भाई शिवेंदर सिंह और तीन अन्य को शुक्रवार को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया. इन लोगों को रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) के कोष का गबन करने और उसे 2,397 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 11, 2019 4:40 PM

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटरों मालविंदर सिंह, उनके भाई शिवेंदर सिंह और तीन अन्य को शुक्रवार को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया. इन लोगों को रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) के कोष का गबन करने और उसे 2,397 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

धन का अन्य मद में इस्तेमाल करने तथा दूसरी कंपनियों में निवेश करने के आरोपों में गिरफ्तार लोगों में रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुनील गोधवानी (58) तथा आरईएल और आरएफएल में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना भी शामिल हैं. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सभी आरोपियों को मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत के समक्ष पेश किया और उनका छह दिन का रिमांड मांगा. मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को चार दिन के पुलिस सिमांड पर भेज दिया. मालविंदर (46) को शुक्रवार की सुबह, जबकि शिवेंदर, गोधवानी, अरोड़ा और सक्सेना को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया.

इससेपहले मालविंदर सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय में गबन मामले में प्राथमिकी निरस्त करने के लिए याचिका दायर किया था जिस पर कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया. सिंह इस मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कराने के लिए उच्च न्यायालय से नोटिस जारी करने का आग्रह किया. न्यायमूर्ति बृजेश सेठी ने सिंह और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से दलीलें सुनने के बाद याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया. सिंह ने शुक्रवार को अपनी गिरफ्तारी से पहले उच्च न्यायालय से संपर्क किया था. उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि कॉरपोरेट मंत्रालय के अधीन आने वाला गंभीर कपट अन्वेषण कार्यालय (एसएफआईओ) ही उनके खिलाफ फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के आरोपों की जांच कर सकता है. सिंह ने कहा कि मामले में रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) की शिकायत पर एसएफआईओ पहले ही जांच कर रहा है और इसलिए ईओडब्ल्यू द्वारा जांच नहीं की जा सकती.

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