”कालिया” की हालत नाजुक, जान बचाने की जद्दोजहद में जुटे डॉक्टरों ने AIIMS से मांगा सहयोग

भुवनेश्वर : आपस में सिर से जुड़े दो जुड़वां बच्चों को अलग किये जाने के बाद उनमें से एक की हालत गंभीर होने के चलते कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से मदद मांगी है. कॉलेज ने एम्स से अनुरोध किया है कि वह तुरंत दो विशेषज्ञ डॉक्टरों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 28, 2019 10:32 PM

भुवनेश्वर : आपस में सिर से जुड़े दो जुड़वां बच्चों को अलग किये जाने के बाद उनमें से एक की हालत गंभीर होने के चलते कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से मदद मांगी है. कॉलेज ने एम्स से अनुरोध किया है कि वह तुरंत दो विशेषज्ञ डॉक्टरों को उसके इलाज के लिए यहां भेजे. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

दरअसल, एम्स में ऑपरेशन और लंबे इलाज के बाद स्थिति में सुधार पर इन बच्चों को हाल ही में इनके गृह राज्य ओड़िशा भेजा गया था. यहां चिकित्सकीय देखरेख में कटक के इस मेडिकल कॉलेज में उन्हें रखा गया है. एससीबीएमसीएच के अधीक्षक सीबीके मोहंती ने कहा कि हमनें एम्स को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे दो डॉक्टरों (दीपक गुप्ता और राकेश लोढा) को कालिया के इलाज के लिए यहां भेजें.

मोहंती ने कहा कि छाती में संक्रमण के बाद गुरुवार रात से ही कालिया को जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है. एससीबीएमसीएच के आकस्मिक अधिकारी बीएन मोहाराना ने कहा कि कालिया को निमोनिया है और उसे सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है. उन्होंने कहा कि कालिया को जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया है और उसके सभी महत्वपूर्ण अंग ठीक काम कर रहे हैं, लेकिन उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.

मोहाराना ने कहा कि एससीबीएमसीएच के डॉक्टरों ने नयी दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और कालिया की सेहत को लेकर चर्चा की. अस्पताल अधिकारियों ने कहा कि कालिया का जुड़वां भाई जग्गा ठीक है और सामान्य बच्चों की तरह खेल रहा है. जग्गा और कालिया जन्म से ही सिर से जुड़े हुए थे और उन्हें 13 जुलाई, 2017 को इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उन्हें अलग करने के लिए ऑपरेशन किया गया.

उन्होंने कहा कि करीब दो साल बाद छह सितंबर 2019 को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. ओड़िशा लौटने के बाद उन्हें एससीबीएमसीएच में भर्ती कराया गया है. एससीबीएमसीएच ने विभिन्न विभागों के 14 डॉक्टरों का एक दल बनाया है, जो एम्स के समन्वय में बच्चों पर नजर रख रहा है और उन्हें जरूरी इलाज मुहैया कराया जा रहा है.

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