मनी लॉड्रिंग मामले में दूसरे दिन भी डीके शिवकुमार से पूछताछ

नयी दिल्ली : मनी लॉड्रिंग मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से आज लगातार दूसरे दिन भी पूछताछ की जा रही है. वे आज सुबह पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय पहुंचे. इससे पहले कल भी कर्नाटक के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार से इस मामले में पूछताछ की गयी थी.... शिवकुमार कल शाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2019 12:24 PM

नयी दिल्ली : मनी लॉड्रिंग मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से आज लगातार दूसरे दिन भी पूछताछ की जा रही है. वे आज सुबह पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय पहुंचे. इससे पहले कल भी कर्नाटक के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार से इस मामले में पूछताछ की गयी थी.

शिवकुमार कल शाम करीब 6:30 बजे यहां खान मार्केट में लोक नायक भवन स्थित एजेंसी के मुख्यालय पहुंचे थे. उनके साथ उनके समर्थक भी थे. उन्होंने बताया कि शिवकुमार बेंगलुरु से राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे. अधिकारियों ने बताया कि कर्नाटक के पूर्व मंत्री का बयान धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जायेगा. कनकपुरा विधानसभा सीट से विधायक ने एजेंसी के कार्यालय में प्रवेश करने से पहले संवाददाताओं से कहा, यह मेरा कर्तव्य है (पेश होना). मुझे कानून का सम्मान करना है. हम कानून बनाने वाले और कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं. उन्होंने (ईडी) मुझे बुलाया है. मुझे नहीं पता कि उन्होंने मुझे धनशोधन रोकथाम कानून के तहत क्यों बुलाया है. उन्होंने कहा कि वह ईडी का सामना करने के लिए तैयार हैं.

गुरुवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शिवकुमार की वह याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने ईडी द्वारा जारी किये गये समन को चुनौती दी थी. इसके बाद उन्हें एजेंसी के सामने पेश होना पड़ा. इससे पहले, दिन में शिवकुमार ने संकेत दिया कि 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान गुजरात के कांग्रेस विधायकों को कर्नाटक के एक रिसॉर्ट में सुरक्षित रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका आयकर छापों और बाद में ईडी की कार्रवाई का कारण है. केंद्रीय एजेंसी ने पिछले साल सितंबर में शिवकुमार, नयी दिल्ली स्थित कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था. ईडी का मामला आयकर विभाग द्वारा पिछले साल बेंगलुरु की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर एक आरोपपत्र पर आधारित है जिसमें करोड़ों रुपये की कर चोरी और हवाला लेनदेन का आरोप लगाया गया था.