मदद मांगने के लिए सिर्फ एक ट्वीट ही काफी था सुषमा स्वराज से

मोदी सरकार के प्रथम कार्यकाल में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ट्विटर पर हमेशा एक्टिव रहीं. वह एक ऐसी लोकप्रिय नेता थीं जिन्होंने सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाया. उनके निधन की खबर से उनके लाखों समर्थक दुखी नजर आ रहे हैं. सुषमा स्वराज अकसर ट्विटर पर सक्रिय रहती थीं. यहां वह सभी की मदद के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2019 6:50 AM
मोदी सरकार के प्रथम कार्यकाल में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ट्विटर पर हमेशा एक्टिव रहीं. वह एक ऐसी लोकप्रिय नेता थीं जिन्होंने सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाया. उनके निधन की खबर से उनके लाखों समर्थक दुखी नजर आ रहे हैं. सुषमा स्वराज अकसर ट्विटर पर सक्रिय रहती थीं. यहां वह सभी की मदद के लिए हरदम तैयार रहती थीं.
उन्होंने इसके माध्यम से हजारों लोगों की मदद की।सुषमा स्वराज ने कहा था कि दुनिया में प्रवासी भारतीय यदि कहीं भी फंसता है, तो उसे यह भरोसा होता है कि सरकार उन्हें बचायेगी. राहत सिर्फ एक ट्वीट की दूरी पर ही होती है. उन्होंने कहा था कि पहले दूतावासों के लिए यह प्राथमिकता नहीं थी, लेकिन अब यह शीर्ष प्राथमिकता हो गयी है. वे सोशल मीडिया पर अक्सर लोगों को नसीहत देती नजर आती थी. अधिकारी भी सुषमा को टैग कर किये गये ट्वीट पर तुरंत एक्शन लेते थे. वे स्वयं हर ट्वीट को चेक करती थीं.
उनकी सक्रियता की वजह से विदशों में बसे कई भारतीयों को वीजा मिला. पूर्व विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह के साथ मिलकर उन्होंने कई बड़े ऑपरेशनों को अंजाम दिया. सुषमा स्वराज के इसी अंदाज ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसी वजह से अकसर उनकी तारीफ करते थे. उन्होंने समाजसेवा के लिए सोशल मीडिया को अपना हथियार बना लिया था.
मदद करने में कभी हिंदू-मुसलमान नहीं देखा
सुषमा को जिस किसी ने भी मदद की गुहार लगाते हुए एक भी ट्वीट किया, उन्होंने उसकी मदद की. इसके लिए उन्होंने किसी का धर्म भी नहीं देखा. हालांकि, उनकी पार्टी पर सांप्रदायिकता का आरोप लगता रहा है, लेकिन सुषमा स्वराज अपने अच्छे कार्यों से इन आरोपों को हमेशा धोती रहीं. मध्य पूर्व के देशों से कई मुस्लिम लड़कियों को छुड़ाकर वह देश लायीं, जिसके लिए उन्होंने सुषमा स्वराज का आभार भी जताया.
सिर्फ मदद ही नहीं, कभी-कभी यूजर्स के मजे भी लिये
स्वराज अपने बेबाक अंदाज और निडर स्वभाव के लिए जानी जाती थीं. यही नहीं, अक्सर वह लोगों की आलोचनाओं का जवाब भी मजाकिया तरीके से दे देती थीं. दरअसल, ट्विटर पर बात हो रही थी भाजपा के ‘मैं भी चौकीदार’ कैंपेन की, जिसके चलते विदेश मंत्री ने भी अपने नाम के आगे ‘मैं भी चौकीदार’ लगा लिया था. इस दौरान एक यूजर ने कहा कि किसी पीआर का काम है, जिसके लिए उसे पैसे मिल रहे हैं. इसके बाद सुषमा ने कहा कि ये मैं ही हूं, मेरा भूत नहीं.
सुषमाजी के निधन पर दुख, दर्द और टूट गया. वह वर्तमान युग में सबसे उत्कृष्ट राजनीतिज्ञों में से एक थी. वह सभी पदों पर प्रतिष्ठित थीं. वे पार्टी, एनडीए सरकार के साथ विपक्ष में रहते हुए भी वरिष्ठ पदों पर रहीं. उनके जाने से एक शून्य पैदा हुआ है जिसे भरना मुश्किल है.
अरुण जेटली, पूर्व वित्त मंत्री
सुषमा स्वराज जी के आकस्मिक निधन के बारे में सुनकर गहरा सदमा और दुख हुआ. एक शालीन और ईमानदार नेता, एक संवेदनशील और निस्वार्थ आत्मा, संगीत और कविता की गहरी समझ और एक प्रिय मित्र. इस पूर्व विदेश मंत्री को उनके कामों के लिए हमेशा याद किया जायेगा.
लता मंगेशकर
मैं सुषमा स्वराज जी के निधन के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं. वे एक असाधारण राजनीतिक नेता, एक प्रतिभाशाली ओरेटर और एक असाधारण सांसद थी, जिनकी पार्टी लाइनों में दोस्ती थी. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.
राहुल गांधी, कांग्रेस नेता
सुषमा स्वराज के दुखद निधन से राजनीतिक क्षितिज का एक तेजस्वी सितारा अस्त हो गया. वे स्पष्ट वक्ता, क्षमतावान संगठन कार्यकर्ता, कुशल प्रशासक के तौर पर हमेशा याद की जाएंगी. संसद, संगठन, सरकार में मेरी सहेली, सहयोगी बहन सुषमा को हार्दिक श्रद्धांजलि. ॐ शांति !
सुमित्रा महाजन, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष