एनआरसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर रह गये लोगों के मामलों पर विचार करने वाली विदेशी (न्यायाधिकरण) संशोधन आदेश 2019 की प्रक्रिया को मौलिक अधिकारों का हनन बताये जाने संबंधी दलीलों पर केंद्र से जवाब मांगा है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की एक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 15, 2019 10:02 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) से बाहर रह गये लोगों के मामलों पर विचार करने वाली विदेशी (न्यायाधिकरण) संशोधन आदेश 2019 की प्रक्रिया को मौलिक अधिकारों का हनन बताये जाने संबंधी दलीलों पर केंद्र से जवाब मांगा है.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की एक पीठ ने ‘अखिल असम अल्पसंख्यक छात्र संघ’ (एएएमएसयू) की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की उन दलीलों पर संज्ञान लिया जिनमें कहा गया है जिनके नाम एनआरसी में शामिल नहीं है, वे इसे चुनौती देने को मजबूर होंगे. शीर्ष अदालत असम एनआरसी को अंतिम रूप देने के काम की निगरानी कर रही है और इसके लिए 31 जुलाई की समयसीमा तय की गयी है. सिब्बल ने कहा कि अपील का अधिकार प्रभावित होगा क्योंकि एनआरसी में छूटे हुए लोगों की अपील को उनकी अनुपस्थिति में विदेशियों के न्यायाधिकरण द्वारा सुना जा सकता है.

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