कर्नाटक के बाद गोवा में भी कांग्रेस को झटका, दो तिहाई विधायक भाजपा में शामिल

पणजी : गोवा में कांग्रेस के दो तिहाई (15 में से 10) विधायकों के एक समूह ने बुधवार को कांग्रेस से नाता तोड़ भाजपा में शामिल हो गये.गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, कांग्रेस के 10 विधायक, अपने विपक्षी नेता के साथ भाजपा में शामिल हो गये हैं. भाजपा की ताकत अब बढ़कर 27 […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 10, 2019 9:53 PM

पणजी : गोवा में कांग्रेस के दो तिहाई (15 में से 10) विधायकों के एक समूह ने बुधवार को कांग्रेस से नाता तोड़ भाजपा में शामिल हो गये.गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, कांग्रेस के 10 विधायक, अपने विपक्षी नेता के साथ भाजपा में शामिल हो गये हैं. भाजपा की ताकत अब बढ़कर 27 हो गयी है. वे राज्य और अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए हमारे साथ आये हैं. उन्होंने कोई शर्त नहीं रखी है और बिना शर्त भाजपा में शामिल हुए हैं.

गोवा के डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने कहा कि कांग्रेस के 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गये हैं. संविधान की अनुसूची 10 के तहत उनका विलय हुआ है. उन्होंने कहा कि नेता विपक्ष चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में विधायकों का समूह बुधवार शाम विधानसभा अध्यक्ष से मिला और उन्हें कांग्रेस से नाता तोड़ने की जानकारी देते हुए एक पत्र सौंपा. इन विधायकों में अतानासियो मोंसेराते, जेनिफर मोंसेराते, फ्रांसिस सिल्वेरा, फिलिप नेरी रॉड्रिग्स, सी डियाज, विल्फ्रेड डीसा, नीलकांत हलारंकार और इसिडोर फर्नांडीज शामिल हैं. मुख्यमंत्री शाम करीब 7.30 बजे विधायकों के विधानसभा परिसर पहुंचने से पहले वहां मौजूद थे. इसके अलावा विधानसभा के उपाध्यक्ष माइकल लोबो भी वहीं पर थे. कांग्रेस के 10 विधायकों के पाला बदलने के बाद अब विधानसभा में उसके पास सिर्फ पांच विधायक बचे हैं. विधानसभा में भाजपा के सबसे ज्यादा 17, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन, तीन निर्दलीय विधायक और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के एक-एक विधायक हैं.

कावलेकर सीएम अच्छा काम कर रहे हैं. मैं विपक्ष का नेता था, इसके बावजूद हमारे निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हो सका. सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद हम सरकार नहीं बना सके. उन्होंने कहा, अगर कोई विकास नहीं हुआ, तो लोग अगली बार हमें कैसे चुनेंगे? वे (कांग्रेस) अपने किये गये वादों को पूरा नहीं कर सके. सरकार बनाने के कई अवसर थे, लेकिन कुछ वरिष्ठ नेताओं के बीच एकता की कमी के कारण ऐसा कभी नहीं किया जा सका. इसलिए हमने ऐसा किया.

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