यूपी लोकसभा चुनाव : भाजपा के कई दिग्गजों की बदल सकती हैं सीटें

ब्रजभूमि और पश्चिम में 27 सीटें, एक दर्जन पर नये नामों की चर्चा लखनऊ : लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अभी अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है, मगर उत्तर प्रदेश में जाता राजनीतिक समीकरण को देखते हुए भाजपा कई सीटों पर अपने पुराने नेताओं और पार्टी दिग्गजों को बदल सकती है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 19, 2019 6:30 AM
ब्रजभूमि और पश्चिम में 27 सीटें, एक दर्जन पर नये नामों की चर्चा
लखनऊ : लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अभी अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है, मगर उत्तर प्रदेश में जाता राजनीतिक समीकरण को देखते हुए भाजपा कई सीटों पर अपने पुराने नेताओं और पार्टी दिग्गजों को बदल सकती है.
राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि केंद्र की राजनीति के लिए उत्तर भारत के सभी दलों के रास्ते उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है, जहां लोकसभा की 80 सीटें हैं. इसलिए यूपी सभी दलों के लिए न सिर्फ प्रतिष्ठा का सवाल है, ​बल्कि संख्याबल के लिए भी सबसे महत्वपूर्ण है. ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा के बीच तमाम मंथन के बाद आने वाली सूची में यूपी में कई सीटों पर नये चेहरे चौंका सकते हैं.
कुछ मौजूदा सांसद नयी सीटों से ताल ठोंकते दिखाई पड़ सकते हैं. कुछ मंत्री और बड़े नेता भी मैदान में दिखाई देंगे. ताज्जुब नहीं कि ब्रज भूमि और पश्चिमी क्षेत्र में लोकसभा की 27 सीटें हैं. इनमें से लगभग एक दर्जन से ज्यादा सीटों पर नये चेहरे भाजपा मैदान में उतार सकती है.
73 भाजपा व सहयोगी दलों के पास : राज्य की 80 सीटों में से 73 भाजपा व सहयोगी दल के हैं. भाजपा यूपी में 74 प्लस के नारे को हकीकत में बदलने की कोशिश में है. दरअसल, पार्टी नेतृत्व को पता है कि उत्तर प्रदेश की सियासी बढ़त से राष्ट्रीय स्तर पर दबदबा आसान होगा.
यही वजह है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा हिस्सेदारी और अहम विभाग मिले हैं. देश की सबसे प्रमुख कमेटी कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्योरिटी के पांच सदस्यों में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और वित्तमंत्री अरुण जेटली के रूप में तीन सदस्य इसी राज्य से ही हैं.
आधिकारिक घोषणा का है इंतजार, कयासों पर बिछी राजनीतिक बिसात
मोदी वाराणसी व राजनाथ लखनऊ से
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से ही लड़ेंगे, यह तय माना जा रहा है. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी तमाम कयासों के बावजूद लखनऊ से ही चुनाव लड़ेंगे. अलबत्ता, कई प्रमुख चेहरों की सीटें बदले जाने की उम्मीद है. कुछ स्थानों पर नये चेहरे और चौंकाने वाले नाम भाजपा से सामने आ सकते हैं. कुछ तो खुद ही मौजूदा सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं.
अमेठी से स्मृति ईरानी रायबरेली से दिनेश प्रताप उतर सकते हैं चुनाव में
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी क्रमश: रायबरेली और अमेठी से चुनाव लड़ेंगे. अमेठी से भाजपा की स्मृति ईरानी, जबकि रायबरेली में भाजपा से दिनेश प्रताप सिंह चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. अजय अग्रवाल सहित कुछ अन्य भी दावेदार हैं.
ताज्जुब नहीं कि पार्टी यहां से भी किसी केंद्रीय मंत्री को उतार दे. मुरादाबाद से कांग्रेस के राजबब्बर मैदान में हैं. अखिलेश को छोड़ मुलायम सिंह यादव परिवार के सभी प्रमुख चेहरों की सीटें घोषित हो गयी हैं.
अखिलेश के आजमगढ़ से चुनाव मैदान में उतरने की बात कही जा रही है. इससे भाजपा के लिए चुनौती बढ़ जायेगी. विधानसभा चुनाव, 2017 में मोदी लहर में भी आजमगढ़ की दस सीटों में से सपा के चार और बसपा के पांच विधायक हैं. भाजपा से सिर्फ अरुण यादव जीते.
उमा भारती कर चुकी हैं चुनाव नहीं लड़ने का एलान
झांसी से मौजूदा सांसद उमा भारती चुनाव न लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं. ऐसे में झांसी से रामरतन कुशवाहा, हरगोविंद कुशवाहा या विधायक रवि शर्मा को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी मां मेनका गांधी की सीट पीलीभीत से ताल ठोंक सकते हैं.
मेनका को आंवला या हरियाणा की करनाल सीट से टिकट दिया जा सकता है. हेमामालिनी फतेहपुर सीकरी से और मथुरा से यूपी के मंत्री श्रीकांत शर्मा को टिकट मिल सकता है. प्रयागराज से रीता बहुगुणा जोशी या प्रयागराज की महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी दावेदार हैं. साक्षी महराज उन्नाव से टिकट पर अड़े हैं, जबकि विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित की उम्मीदवारी की चर्चा.
साध्वी निरंजन ज्योति की सीट बदल सकती है. साध्वी निरंजन ज्योति हमीरपुर से चुनाव लड़ना चाहती हैं. ऐसे में फतेहपुर सीट अपना दल को दी जा सकती है. अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से ही चुनाव लड़ेंगी. अपना दल की दूसरी सीट प्रतापगढ़ से भाजपा अपना उम्मीदवार लड़ा सकती है.