राजधानी व शताब्दी में होंगे ऑटोमेटिक दरवाजे

नयी दिल्ली : मोदी सरकार के पहले रेल बजट में कई आकर्षक घोषणाएं की जायेंगी. यात्रियों की सुविधा के लिए कई नये प्रस्ताव पेश किये जायेंगे.राजधानी ट्रेनों में एक उपयोग के बाद फेंक दी जाने वाली चादरें, गिलाफ आदि पेश करने तथा शताब्दी में स्वचालित दरवाजे और यात्री डिब्बों में आग पर काबू पाने वाली […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 2, 2014 3:24 PM

नयी दिल्ली : मोदी सरकार के पहले रेल बजट में कई आकर्षक घोषणाएं की जायेंगी. यात्रियों की सुविधा के लिए कई नये प्रस्ताव पेश किये जायेंगे.राजधानी ट्रेनों में एक उपयोग के बाद फेंक दी जाने वाली चादरें, गिलाफ आदि पेश करने तथा शताब्दी में स्वचालित दरवाजे और यात्री डिब्बों में आग पर काबू पाने वाली प्रणाली स्थापित करने की घोषणा कर सकती है.

राजग सरकार 8 जुलाई को अपना पहला रेल बजट पेश करने वाली है. इस रेल बजट में उच्च क्षमता वाले दुग्ध वैन के विनिर्माण और नमक ढुलाई के हल्के डब्बों के निर्माण का भी जिक्र हो सकता है. विनिर्माण क्षेत्र की मांग के मद्देनजर रेलवे ज्यादा इस्पात के परिवहन के लिए और अधिक क्षमता के वैगनों के विनिर्माण की बजटीय योजना को अंतिम स्वरुप दे रही है. इन वैगनों में 3,994 टन भार तक की इस्पात (कॉयल) की ढुलाई की जा सकती है. फिलहाल ऐसे वैगनों की ढुलाई क्षमता 2346 टन है. पार्सल गतिविधियों से ज्यादा राजस्व प्राप्त करने के लिए रेल बजट में उच्च क्षमता वाले पार्सल वैन के विकास के प्रावधान का जिक्र हो सकता है.

सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्री सदानंद गौड़ अपने पहले रेल बजट में सवारियों को बेहतर सुविधाएं पहुंचाने और रेलगाडी में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने पर ध्यान दे सकते हैं. रेलगाडि़यों में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने और साफ-सफाई के लिए रेलवे ने बेंगलूर राजधानी एक्सप्रेस में डिस्पोजेबल बेडरोल मुहैया करने संबंधी एक पायलट परियोजना शुरु करने का फैसला किया गया है.

राजधानी के यात्रियों को मुहैया कराए जाने वाले चादर-गिलाफ की गुणवत्ता के संबंध में कुछ शिकायतें मिली थीं.सूत्रों ने बताया ह्यह्यइसलिए बगैर पालिएस्टर रेशे के चादर-गिलाफ मुहैया कराने का फैसला किया है जिसे उपयोग के बाद फेंका जा सकता है. इसका उपयोग बेंगलूर राजधानी में प्रायोगिक तौर पर किया जायेगा और बाद में यात्रियों की प्रतिक्रिया के बाद अन्य राजधानी ट्रेनों में इसे अपनाने का फैसला किया जा सकता है.

रेलवे शताब्दी के डब्बों में स्वचालित दरवाजे लगने की परियोजना भी शुरु करेगी ताकि सुरक्षा का इंतजाम पुख्ता हो. योजना के मुताबिक उपनगरीय सेवा से जुडी ईएमयू ट्रेन में भी स्वचालित दरवाजे लगाए जायेंगे.डेयरी उत्पादों और दुग्ध उत्पादों के लिए बढती मांग को ध्यान में रखकर रेलवे ने अपेक्षाकृत अधिक क्षमता वाले दुग्ध वैन के विकास का प्रस्ताव किया है ताकि 44,600 लीटर दूध का वहन किया जा सके जबकि मौजूदा वैन की क्षमता 40,000 लीटर है.हालांकि नये डिजाइन वाले दूध के वैन की ढुलाई क्षमता बढेगी लेकिन योजना के मुताबिक दुग्ध वैन का वजन 37 टन से घटकर 29.7 टन हो जाएगा.

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