Greenpeace India को राहत : बैंक खाते बंद करने के ED के आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट ने किया निरस्त

बंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा फ्रीज किये गये ग्रीनपीस इंडिया के बैंक खातों से संबंधित केस को रद्द कर दिया है. पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था को लोगों से मिलने वाली सहायता राशि अक्तूबर 2018 में बेंगलुरु कार्यालय में पड़े ईडी के छापे के बाद बंद हो गए थे. कोर्ट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2019 4:50 PM

बंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा फ्रीज किये गये ग्रीनपीस इंडिया के बैंक खातों से संबंधित केस को रद्द कर दिया है. पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था को लोगों से मिलने वाली सहायता राशि अक्तूबर 2018 में बेंगलुरु कार्यालय में पड़े ईडी के छापे के बाद बंद हो गए थे. कोर्ट ने अब आदेश दिया है कि ग्रीनपीस के खातों को तत्काल प्रभाव से खोला जाए.

ग्रीनपीस इंडिया की कैंपेन निदेशक दिया देब कहती हैं, हम कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं. यह फैसला न सिर्फ लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक अधिकारों के प्रति हमारी आस्था को मज़बूत करता है बल्कि हमारे कार्यों को भारतीय नियम कानून के दायरे में होने की गवाही देता है. हमें विश्वास है कि भारतीय न्याय व्यवस्था आने वाले दिनों में भी प्रकृति और पर्यावरण के हित में काम करने के हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगी.

14 फरवरी 2019 के अपने फैसले में माननीय कर्नाटक उच्च न्यायलय ने कहा कि 5 अक्तूबर 2018 द्वारा अकाउंट को फ्रीज करने के आदेश को रद्द माना जाए क्योंकि उसकी 60 दिनों की समयावधि काफी पहले समाप्त हो चुकी है. इसलिए 5 अक्तूबर 2018 के अकाउंट पर रोक लगाने की प्रक्रिया को रद्द किया जाता है और इस केस को समाप्त किया जाता है.

दिया ने कहा, हर महीने भारत के पर्यावरण के प्रति संवेदनशील हजारों नागरिक जो भारत और पृथ्वी के सुरक्षित, स्वस्थ और टिकाऊ भविष्य की कामना करते हैं ग्रीनपीस इंडिया को आर्थिक सहयोग देते हैं. हमारे अकाउंट पर रोक लग जाने से उनके द्वारा दिया गया आर्थिक सहयोग हमें नहीं मिल पाया और संगठन को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. इस वजह से हमें छंटनी करनी पड़ी और कई कर्मचारियों की नौकरियां चली गईं, हालांकि उनमें से कई अब भी वॉलंटियर के रूप में पर्यावरण के लिए अभियान में शामिल हैं.

ईडी के ऑडर को कोर्ट द्वारा निरस्त किये जाने से जलवायु परिवर्तन, कार्बन उत्सर्जन कम करने, टिकाऊ खेती, सुरक्षित भोजन और समावेशी भविष्य के लिए जारी हमारे अभियानों को संबल मिला है. भारत न सिर्फ पर्यावरण के लिहाज से अतिसंवेदनशील है बल्कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जारी अभियान में अग्रणी भूमिका निभाने की क्षमता रखने वाला देश है. ग्रीनपीस इंडिया अपने लाखों शुभचिंतकों, समर्थकों, कार्यकर्ताओं और दानकर्ताओं को धन्यवाद देता है, जो पर्यावरण बचाने के संकल्प के लिए प्रतिबद्ध व तत्पर हैं.

दिया ने जोड़ा, हम अपने सभी समर्थकों, दानकर्ताओं और नागरिक समाज के हक में काम करने वाली सहयोगी संस्थाओं, वॉलंटियरों, कार्यकर्ताओं, नागरिकों और उन सभी का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने मुश्किल घड़ी में हमारा साथ दिया. इसके साथ ही हम उन सभी नागरिक समाज से जुड़े संगठनों और कार्यकर्ताओं का समर्थन करते हैं जिन्हें असहमति की आवाज के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है.

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