मोदी-प्रिंस सलमान की वार्ता, पुलवामा हमले में पाकिस्तान की सहभागिता का मुद्दा उठा

नयी दिल्ली : सऊदी अरब के युवराज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की और दोनों नेताओं के बीच वार्ता के दौरान इसमें पाकिस्तान की सहभागिता को रेखांकित किया गया. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को यह बात कही. सऊदी अरब के युवराज की यात्रा और प्रधानमंत्री मोदी के साथ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2019 7:54 PM

नयी दिल्ली : सऊदी अरब के युवराज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की और दोनों नेताओं के बीच वार्ता के दौरान इसमें पाकिस्तान की सहभागिता को रेखांकित किया गया. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को यह बात कही.

सऊदी अरब के युवराज की यात्रा और प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बतचीत के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक मामला) टीएस त्रिमूर्ति ने कहा कि दोनों नेताओं ने देशों से आतंकवाद को सरकारी नीति के रूप में इस्तेमाल करना बंद करने को कहा. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत के दौरान पुलवामा आतंकी हमले का मुद्दा उठा. उन्होंने कहा कि मोदी और मोहम्मद बिन सलमान ने पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की. दोनों देशों ने आतंकवाद के सभी स्वरूपों से मुकाबला करने की प्रतिबद्धता दोहरायी. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने जोर दिया कि देशों को किसी दूसरे देश के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. त्रिमूर्ति ने कहा कि दोनों नेताओं ने सभी देशों को आह्वान किया कि वे आतंकवादियों, आतंकी संगठनों, समूहों को प्रोत्साहन, समर्थन नहीं देंगे और ऐसे संगठनों को वित्तीय सहयोग पर लगाम लगायेंगे, साथ ही अपनी जमीन को ऐसे कृत्यों के लिए दूसरों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करने देंगे.

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र संधि को जल्द अंगीकार करने की जरूरत बतायी साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ समन्वित कदम उठाने पर जोर दिया. विदेश मंत्रालय के सचिव ने कहा कि सऊदी अरब के युवराज ने मई 2014 के बाद से ही पाकिस्तान के साथ संबंध बेहतर बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत प्रयासों को रेखांकित किया. दोनों पक्षों ने जोर दिया कि पाकिस्तान के साथ समग्र वार्ता शुरू होने के लिए पहले उपयुक्त माहौल होना चाहिए. आतंकवाद और कट्टरपंथ को ‘साझी चिंता’ करार देते हुए सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने बुधवार को कहा कि सऊदी अरब इससे निपटने में भारत और पड़ोसी देशों को पूरा सहयोग देगा. सऊदी अरब के युवराज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वार्ता को व्यापक एवं सफल बताया.

यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान भारत आने से पहले इस्लामाबाद यात्रा पर गये थे. उनकी यह यात्रा पुलवामा आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के साथ भारत के बढ़ते तनाव के बीच हुई. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान से बातचीत के बाद कहा कि पुलवामा में हुआ बर्बर आतंकवादी हमला इस मानवता विरोधी खतरे से दुनिया पर छाये कहर की एक और क्रूर निशानी है और दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि इस खतरे से निपटने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों पर सभी संभव दबाव बनाने की जरूरत है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, पिछले हफ्ते पुलवामा में हुआ बर्बर आतंकवादी हमला, इस मानवता विरोधी खतरे से दुनिया पर छाये कहर की एक और क्रूर निशानी है.

उन्होंने कहा, इस खतरे से प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद को किसी भी प्रकार का समर्थन दे रहे देशों पर सभी संभव दबाव बढ़ाने की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद का आधारभूत ढांचा नष्ट करना, इसे मिलनेवाला समर्थन समाप्त करना और आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों को सजा दिलाना बहुत जरूरी है. इस अवसर पर सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि हम खुफिया सूचना साझा करने सहित अन्य क्षेत्रों में भारत के साथ सहयोग करेंगे. उन्होंने मीडिया के समक्ष अपने बयान में आतंकवाद और कट्टरपंथ को साझी चिंता का विषय बताया और कहा कि उनका देश भारत और अन्य पड़ोसी देशों को इस चुनौती से निपटने में सहयोग देगा.

मोहम्मद बिन सलमान ने कहा, जहां तक आतंकवाद और कट्टरपंथ का सवाल है, जो हमारी साझी चिंताएं हैं. मैं भारत को बताना चाहता हूं कि हम आपके साथ पूरा सहयोग करें. चाहे खुफिया जानकारी साझा करने की बात हो, न केवल भारत बल्कि पड़ोसी देशों के साथ भी. उन्होंने कहा, हम साथ मिलकर काम करेंगे ताकि आनेवाली पीढ़ी का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित कर सकें.

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