डिप्टी चेयरमैन बनने से वंचित रहे नरेश गुजराल ने मोदी सरकार को दी यह नसीहत

साल 2019 के चुनाव जीतने के लिए भाजपा को ‘वाजपेयी जैसे व्यवहार’ की जरूरत : नरेश गुजराल नयी दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता नरेश गुजराल ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव पूर्व गंठबंधन बनाकर जीतने के लिए भाजपा की मौजूदा सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे व्यवहार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 9, 2018 4:11 PM


साल 2019 के चुनाव जीतने के लिए भाजपा को ‘वाजपेयी जैसे व्यवहार’ की जरूरत : नरेश गुजराल

नयी दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के नेता नरेश गुजराल ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में चुनाव पूर्व गंठबंधन बनाकर जीतने के लिए भाजपा की मौजूदा सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे व्यवहार (वाजपेयी टच) की जरूरत है. पंजाब से राज्यसभा सदस्य गुजराल कल वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई की किताब ‘न्यूजमेन: ट्रैकिंग इंडिया इन द मोदी एरा’ के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. गुजराल ने कहा, ‘‘एनडीए की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वह किस तरह का चुनाव पूर्व गंठबंधन तैयार कर पाता है. यदि वे अपने मौजूदा साझेदारों को साथ रखने और कुछ अन्य को साथ लाने में कामयाब होते हैं, तो अहम है कि भाजपा अपने सहयोगियों से सहृदयता से पेश आए. यहां वाजपेयी जैसे व्यवहार (वाजपेयी टच) की जरूरत होगी.”

उल्लेखनीय है कि नरेश गुजराल को पहले भाजपा ने राज्यसभा का उप सभापति बनाने की बात कही थी और इसके लिए तैयारी करने को भी कहा था. लेकिन, बाद में इस पद के लिए नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के सांसद हरिवंश का नाम आगे बढ़ा दिया गया. इससे अकाली दल नाराज भी हो गया. हालांकि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा प्रकाश सिंह बादल से संपर्क किये जाने और उनके द्वारा समझाये जाने के बाद पार्टी हरिवंश के समर्थन के लिए तैयार हो गयी.

नरेश गुजराल ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि शिवसेना उनके साथ रहेगी, बशर्ते वह उनसे ज्यादा सीटें नहीं मांगे. मुझे यकीन है कि नीतीश कुमार अपने हिस्से की सीटें मांगेंगे और मुझे यकीन है कि यदि उन्होंने हमसे (एसएडी) एक भी सीटें और मांगी तो हम इनकार कर देंगे.” विमोचन कार्यक्रम में चर्चा का विषय था कि ‘2019 के चुनाव कौन जीतेगा?’ साल 2014 के आम चुनावों में एनडीए की ठोस जीत को याद करते हुए गुजराल ने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के साथ आखिरी पलों में हुए गठबंधन के कारण भाजपा 282 का आंकड़ा छू पायी. अकाली दल के नेता ने कहा, ‘‘पिछली बार आखिरी पलों में हम एन. चंद्रबाबू नायडू को लाने में कामयाब रहे और वह हमारी ताकत बढ़ाने में काफी मददगार साबित हुए. निजी तौर पर मेरा मानना है कि यदि नायडू गठबंधन में शामिल नहीं हुए होते तो भाजपा 282 का आंकड़ा नहीं छू पाती.”

नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने बीते 16 मार्च को भाजपा से अपने चार साल का गठबंधन खत्म कर लिया और एनडीए से अलग होगयी. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र के इनकार के कारण तेदेपा ने एनडीए से नाता तोड़ा. इस पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट, एआइएमआइएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया सहित कई जानेमाने लोगों ने शिरकत की. ओवैसी ने कहा कि 2019 के चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी नहीं बल्कि ‘‘क्षेत्रीय पार्टियां” मोदी का रथ रोकेंगी. पायलट ने कहा कि आगामी चुनावों में व्यक्ति की बजाय मुद्दों पर जोर होगा. ओवैसी ने कहा, ‘‘पीएम मोदी पूरी कोशिश करेंगे कि मुकाबला मोदी और राहुल के बीच दिखे…और यदि ऐसा होता है तो मोदी काफी मजबूत विकेट पर होंगे. एक बार क्षेत्रीय पार्टियों के आगे आने के बाद….और वे आगे आ रहे हैं….मोदी निश्चित तौर पर हारेंगे.”

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