डेटा संभालने और समझने के लिए एडवांस प्‍लैटफॉर्म बनाने की तैयारी में सरकार

नयी दिल्‍ली : दुनियाभर में डेटा का मामला सभी सरकारों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. फेसबुक जैसे सोशल साइट्स भी डेटा लीक मामले में फंसे हुए है. ऐसे में आम नागरिकों का डेटा सुरक्षित रखना सरकार के लिए एक बड़ा जिम्‍मेवारी वाला काम साबित हो रहा है. भारत सरकार भी डेटा की सुरक्षा को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 7, 2018 9:38 PM

नयी दिल्‍ली : दुनियाभर में डेटा का मामला सभी सरकारों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. फेसबुक जैसे सोशल साइट्स भी डेटा लीक मामले में फंसे हुए है. ऐसे में आम नागरिकों का डेटा सुरक्षित रखना सरकार के लिए एक बड़ा जिम्‍मेवारी वाला काम साबित हो रहा है. भारत सरकार भी डेटा की सुरक्षा को लेकर सचेत है और देश के विशाल डेटा को संभालने और समझने के लिए एक एडवांस प्‍लैटफॉर्म बनाने की तैयारी कर रही है.

अंगेजी अखबार टाइम्‍स ऑफ इंडिया के अनुसार, सरकार एक ऐसा एडवांस टेक्‍नोलॉजी प्लैटफॉर्म बनाने पर विचार कर रही है जिससे नागरिक, सरकारी खर्च और नीतियों की सफलता, उपभोग ट्रेंड आदि को समझने में मदद मिलेगी. हालांकि, डेटा समग्र रूप में होगा और व्यक्तिगत व पहचान योग्य डेटा संग्रह नहीं किया जायेगा.

एक सरकारी अधिकारी के अनुसार इस टेक्‍नोलॉजी की मदद से डेटा केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों से हासिल किया जायेगा जिससे बेहतर नीति निर्माण में मदद मिल सकेगी. नीति आयोग निजी संस्था के साथ मिलकर नैशनल डेटा एण्‍ड एनालिटिक्स प्लैटफॉर्म विकसित करने के विचार पर काम कर रहा है. नीति आयोग इस प्लैटफॉर्म के विकास और संचालन के लिए पार्टनर की तलाश में जुटा है.

बताया जा रहा है कि डेटा के गहरे विश्लेषण के लिए आर्टफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जायेगा. नागरिकों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं के लिए यह क्षेत्रवार डेटा का एकमात्र स्रोत होगा. आईटी मंत्रालय के पास ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लैटफॉर्म data.gov.in है, जिस पर डेटा के सैकड़ों समूह हैं, लेकिन इस प्लैटफॉर्म पर विश्लेषण की क्षमता नहीं है.

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