महाराष्ट्र हिंसा : जिग्‍नेश-खालिद पर मामला दर्ज, 300 लोग हिरासत में, हिंसा की आग पहुंची गुजरात

मुंबई : भीमा कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ से जुड़े कार्यक्रम के बाद भड़की हिंसा के विरोध में आहूत महाराष्ट्र बंद ने के दौरान बुधवार को हिंसक प्रदर्शन किये गये. कई जगहों पर आवागमन को प्रभावित किया गया. लोगों को गाडि़यां तोड़ी और आगजनी की. प्रदर्शनकारियों ने मुंबई में विभिन्न स्थानों पर बसों को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 4, 2018 12:18 PM

मुंबई : भीमा कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ से जुड़े कार्यक्रम के बाद भड़की हिंसा के विरोध में आहूत महाराष्ट्र बंद ने के दौरान बुधवार को हिंसक प्रदर्शन किये गये. कई जगहों पर आवागमन को प्रभावित किया गया. लोगों को गाडि़यां तोड़ी और आगजनी की. प्रदर्शनकारियों ने मुंबई में विभिन्न स्थानों पर बसों को निशाना बनाया, उपनगरीय ट्रेनों को रोका और सड़कों को अवरुद्ध ककिया. पुलिस ने करीब 300 लोगों को हिंसा फैलाने के आरोप में हिरासत में लिया है.

वहीं महाराष्‍ट्र का यह हिंसक प्रदर्शन गुजरात पहुं गया. बुधवार को गुजरात में भी कुछ जगहों पर दलितों ने प्रदर्शन किये. गुरुवार को भी गुजरात के कई इलाकों में दलितों का प्रदर्शन जारी है. बुधवार को यहां समुदाय के सदस्यों ने एक रैली निकाली और भाजपा कार्यालय के बाहर नारेबाजी की.

एक दलित संगठन ने महाराष्ट्र के अपने समुदाय के सदस्यों के प्रति एकजुटता जाहिर करने के लिए उधना इलाके में एक विरोध मार्च निकाला.

जिग्नेश मेवानी व उमर खालिद पर मामला दर्ज

महाराष्ट्र में भड़की हिंसा के पीछे गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी और जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद के नाम सामने आ रहे हैं. दोनों पर मामला दर्ज किया गया है. पुणे पुलिस के मुताबिक, इन दो नेताओं के खिलाफ दो जनवरी के दिन ‘एल्गार परिषद’ इवेंट के दौरान भड़काऊ भाषण देने की कई शिकायतें मिली हैं.

शिकायतकर्ताओं में ज्यादात्तर स्थानीय लोग हैं जिन्होंने मेवाणी और खालिद पर भड़काऊ भाषण देने पर केस दर्ज करने की बात कही. आरोप है कि उनके भाषण समुदायों को भड़काने वाले थे. एक शिकायतकर्ता के मुताबिक, दोनों के भाषणों ने लोगों को उकसाया जिसके बाद राज्य के कई हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने हिंसात्मक गतिविधियों को अंजाम दिया.

प्रदर्शन के दौरान जमकरहुई थीहिंसा

समस्त अंबेडकर समाज के बैनर तले एकत्र हुए दलित समुदाय के सैकड़ों लोगों ने एक रैली निकाली. उन्होंने उधना रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन के आगे धरना दिया. इससे कुछ देर के लिए यातायात प्रभावित हुआ. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और राज्य में कहीं से भी किसी और प्रदर्शन की खबर नहीं है. गुजरात के प्रभारी डीजीपी प्रमोद कुमार ने कहा कि सूरत के प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकालने की पुलिस से इजाजत मांगी थी.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, करीब 150-200 लोगों ने पुलिस आयुक्त से रैली निकालने की इजाजत मांगी और उन्हें इसकी इजाजत दी गयी. प्रदर्शन के दौरान कोई अप्रिय घटना दर्ज नहीं की गयी. कल महाराष्‍ट्र में दलित समुदाय के लोगों ने उपनगरीय चेम्बूर, घाटकोपर, कामराज नगर, विक्रोली, दिंडोशी, कांदिवली, जोगेश्वरी, कालानगर और माहिम में प्रदर्शन किया. सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे को अवरुद्ध करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया.

मुंबई और अन्य हिस्सों में सड़क अवरुद्ध करने, आगजनी और पथराव की घटनाएं देखने को मिलीं. मुंबई पुलिस ने शहर में हिंसक प्रदर्शनों को लेकर नौ मामले दर्ज किये. पुलिस ने बताया कि कल से 250 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे को पांच घटों से अधिक समय तक बाधित रखा. उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने बेस्ट की 50 बसों में तोड़फोड़ की, जिससे चार बस चालक जख्मी हो गये.

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