किसी महिला के पुरुष मित्र हों, तो किसी को उसका बलात्कार करने का अधिकार नहीं मिल जाता : हाईकोर्ट

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कल 25 सितंबर को रेप के एक आरोपी को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि अगर किसी महिला का ब्वॉयफ्रेंड है, तो इसका मतलब यह नहीं कि किसी को महिला के साथ रेप करने का अधिकार मिल गया है.न्यायाधीश एएम बदर ने आरोपी को यह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 26, 2017 11:08 AM

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कल 25 सितंबर को रेप के एक आरोपी को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि अगर किसी महिला का ब्वॉयफ्रेंड है, तो इसका मतलब यह नहीं कि किसी को महिला के साथ रेप करने का अधिकार मिल गया है.न्यायाधीश एएम बदर ने आरोपी को यह कहते फटकार लगायी कि महिला के अगर पहले से किसी के साथ संबंध हों, तो इसका यह अर्थ नहीं कि किसी को भी उसके साथ बलात्कार करने का अधिकार मिल जायेगा.

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गौरतलब है कि जमानत मांगने वाले उक्त अपराधी को अपनी एक नाबालिग रिश्तेदार के साथ रेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. न्यायाधीश ने कहा, ‘महिला कैसी भी हो, इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि कोई भी उसके साथ कुछ भी करे. उसे ‘ना’ कहने का अधिकार है.’ न्यायाधीश ने कहा कि बलात्कार के समय पीड़िता वयस्क नहीं थी और उसने ‘यौन संबंध’ के लिए अपनी सहमति नहीं दी थी.

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लड़की ने अदालत में जिरह के दौरान कहा था कि दोषी ने उसके साथ बार-बार ‘यौन संबंध’ बनाये थे. आरोपी का कहना है कि लड़की के अन्य कई लोगों के साथ भी यौन संबंध रहे हैं. यह मामला नासिक की है, जिसमें एक व्यक्ति को पाक्सो एक्ट के तहत पिछले साल 10 साल की सजा सुनाई गयी थी. जिसके बाद उसने हाईकोर्ट में अर्जी लगायी.

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