दूसरी बार पर नहीं जा सकेंगे हज करने, सरकार बना रही नयी नीति

नयी दिल्ली : सरकार नयी हज नीति बनाने जा रही है जिसमें एक बार से अधिक बार हज यात्रा पर जाने पर रोक लगायी जा सकती है. नयी हज नीति 2018 का काम अंतिम चरण में है और अगले साल से हज यात्रा इस नयी हज नीति के अनुसार ही आयोजित की जायेगी. नयी हज […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 17, 2017 3:14 PM

नयी दिल्ली : सरकार नयी हज नीति बनाने जा रही है जिसमें एक बार से अधिक बार हज यात्रा पर जाने पर रोक लगायी जा सकती है. नयी हज नीति 2018 का काम अंतिम चरण में है और अगले साल से हज यात्रा इस नयी हज नीति के अनुसार ही आयोजित की जायेगी. नयी हज नीति के महत्वपूर्ण बिंदुओं में समुद्री मार्ग से भी हज यात्रा को दोबारा शुरू करने का विषय भी शामिल है. नयी नीति में इस बात पर जोर दिये जाने की संभावना है कि बार-बार हज यात्रा पर जाने के चलन को रोका जाये और जीवन में एक बार ही हज यात्रा पर जाने का प्रावधान किया जा सके.

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सूत्रों ने को बताया कि नयी हज नीति के बारे में विभिन्न पक्षकारों के साथ चर्चा की गयी है और यह उच्चतम न्यायालय के साल 2012 के आदेश के अनुरूप आगे बढ़ायी जा रही है. इसके तहत हज यात्रा को सस्ता, सुलभ और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ऐसा देखा गया है कि अमीर लोग कई बार हज यात्रा पर जाते हैं और गरीब लोग मौके से वंचित रह जाते हैं. ऐसे में नयी हज नीति में इस सुझाव को तवज्जो दी जा रही है कि अमीर लोगों के बार-बार हज यात्रा पर जाने के चलन को आगे बढ़ाने की बजाय जीवन में एक बार ही हज यात्रा पर जाने का प्रावधान किया जा सके. इसका मकसद यह है कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी हज यात्रा पर जा सके.

उन्होंने बताया कि हज सब्सिडी को समाप्त करने से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘हज नीति-2018 तय करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी अपनी रिपोर्ट तैयार करने के अंतिम चरण में है और इस नयी नीति को संभवत: इस महीने के अंत तक जारी कर दिया जायेगा. नयी हज पाॅलिसी का उद्देश्य हज की संपूर्ण प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है. इस नयी पालिसी में हज यात्रियों के लिए विभिन्न सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जायेगा.’

उन्होंने कहा कि इस नयी हज नीति के महत्वपूर्ण बिंदुओं में समुद्री मार्ग से भी हज यात्रा को दोबारा शुरू करना शामिल है. हज यात्रियों र्त्िायों के मुंबई से समुद्री मार्ग के जरिये जेद्दा जाने का सिलसिला 1995 में रुक गया था. हज यात्रियों को जहाज (समुद्री मार्ग) से भेजने पर यात्रा संबंधी खर्च करीब आधा हो जायेगा. नयी तकनीक एवं सुविधाओं से युक्त पानी का जहाज एक समय में चार से पांच हजार लोगों को ले जाने में सक्षम हैं. नकवी ने कहा कि मुंबई और जेद्दा के बीच 2,300 नॉटिकल मील की एक ओर की दूरी सिर्फ दो-तीन दिनों में पूरी की जा सकती है, जबकि पहले पुराने जहाज से 12 से 15 दिन लगते थे. समुद्री मार्ग से हज यात्रा को दोबारा शुरू करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए 28 अगस्त को नयी दिल्ली में केंद्रीय जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी. इस बैठक में जहाजरानी मंत्रालय और अल्पसंख्यक मंत्रालय के उच्च अधिकारी शामिल होंगे.

नकवी ने कहा कि समुद्री मार्ग से हज यात्रा के संबंध में सउदी अरब की सरकार से भी बातचीत की प्रक्रिया चल रही है. हज 2017 के लिए हाजियों के जत्थे की रवानगी 24 जुलाई से देश के विभिन्न हिस्सों से शुरु हो चुकी है. सउदी अरब द्वारा कोटे में की गयी बड़ी वृद्धि के बाद हज कमेटी ऑफ इंडिया के माध्यम से 1,25,025 हज यात्री हज यात्रा पर जा रहे हैं, जबकि 45,000 हज यात्री प्राइवेट टूर ऑपरेटरों के माध्यम से हज पर जा रहे हैं. इस वर्ष भारत में 21 केंद्रों से कुल 1,70,025 हज यात्री जा रहे हैं.

पहले चरण में अभी तक लगभग 65 हजार यात्री हज पर रवाना हो चुके हैं. पहले चरण में दिल्ली, गया, गोवा, गुवाहाटी, कोलकाता, लखनऊ, मंगलूर, श्रीनगर, वाराणसी से यात्री सउदी अरब रवाना हुए हैं. दूसरे चरण में हाज यात्री बेंगलुरु, भोपाल, रांची, नागपुर, मुंबई, जयपुर, हैदराबाद, कोच्चि, चेन्नई, औरंगाबाद, अहमदाबाद, इंदौर से जा रहे हैं. दूसरा चरण 26 अगस्त को समाप्त होगा.

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