Buxar News: टुडीगंज बाजार कूड़े के अंबार में तब्दील
स्वच्छ भारत और सुंदर भारत का सपना तभी साकार होगा जब गांव, कस्बा और बाजार की गलियों में सफाई की बयार बहेगी.
डुमरांव
. स्वच्छ भारत और सुंदर भारत का सपना तभी साकार होगा जब गांव, कस्बा और बाजार की गलियों में सफाई की बयार बहेगी. लेकिन डुमरांव प्रखंड के टुड़ीगंज बाजार की हकीकत इस सपने से कोसों दूर है. सड़क किनारे जमा कूड़े का अंबार यहां के लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है. यह दृश्य न केवल आमजन के जीवन को प्रभावित कर रहा है बल्कि सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वच्छता योजनाओं की सच्चाई भी सामने ला रहा है. बाजार की सड़कों पर बिखरे प्लास्टिक के टुकड़े, गली-नालियों में बहता गंदा पानी और बारिश के दिनों में उमड़ती बदबू ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. जगह-जगह लगे कचरे के ढेर से उठती सड़न की दुर्गंध इतनी तेज है कि लोग यहां से गुजरने से कतराते हैं. दुकानदार बताते हैं कि ग्राहकों की संख्या लगातार घट रही है. दुकानें खाली रहने लगी हैं, लोग बदबू और गंदगी की वजह से बाजार में रुकना ही नहीं चाहते है. ग्रामीण प्रकाश सिंह का कहना है कि यह गंदगी अब सिर्फ आंखों का दर्द नहीं रही, बल्कि स्वास्थ्य संकट बन चुकी है. उन्होंने कहा यहां से गुजरते वक्त सिरदर्द, उल्टी, तकलीफ जैसी दिक्कतें आम हो गई है. बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है. इधर सरकार स्वच्छता रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन दिखाने के लिए नीतियां और योजनाएं बना रही है, लेकिन हकीकत यह है कि टुडिगंज जैसे बाजारों में आज भी मूलभूत सफाई की व्यवस्था नदारद है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कागजों पर चलने वाले अभियान से गांव-कस्बों में कितना बदलाव आ पाएगा. टुडीगंज बाजार की यह बदहाली न सिर्फ स्थानीय जनता के लिए चिंता का विषय है बल्कि यह भी साबित करती है कि जब तक सफाई व्यवस्था जमीनी स्तर पर ईमानदारी से लागू नहीं होगी, तब तक स्वच्छ भारत, सुंदर भारत का सपना अधूरा ही रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
