मांगों को लेकर ग्राम कचहरी सचिवों ने दिया धरना

वेतनमान, स्थायी नियुक्ति और नियमितीकरण की मांग को लेकर बुधवार को ग्राम कचहरी सचिव संघ के बैनर तले सचिवों ने अस्पताल चौक पर एकदिवसीय धरना दिया.

By SANTOSH KUMAR SINGH | September 24, 2025 9:50 PM

बिहारशरीफ. वेतनमान, स्थायी नियुक्ति और नियमितीकरण की मांग को लेकर बुधवार को ग्राम कचहरी सचिव संघ के बैनर तले सचिवों ने अस्पताल चौक पर एकदिवसीय धरना दिया. जिलेभर से जुटे सचिवों ने सरकार के खिलाफ जमकर आवाज बुलंद की और चेतावनी दी कि यदि उनकी जायज मांगों को अनसुना किया गया, तो वे विधानसभा का घेराव करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. धरना का नेतृत्व करते हुए संघ के सचिव अनूप कुमार ने कहा कि ग्राम कचहरी सचिव पिछले 18 वर्षों से संविदा पर कार्यरत हैं. वर्ष 2007 में मात्र 2000 रुपये मानदेय पर इनकी बहाली की गई थी. इसके बाद वर्ष 2015 में मानदेय बढ़ाकर 6000 रुपये किया गया और वर्ष 2025 में केवल 3000 रुपये की बढ़ोतरी कर इसे 9000 रुपये कर दिया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि आज के समय में मात्र 9000 रुपये में कोई भी परिवार कैसे चल सकता है?सचिवों ने कहा कि उनसे पंचायत स्तर के अलावा प्रखंड कार्यालय, चुनावी ड्यूटी, बाढ़ राहत और अन्य सभी प्रकार के महत्वपूर्ण कार्यों में सेवा ली जाती है. इसके बावजूद उन्हें न तो नियमित कर्मचारी का दर्जा मिलता है और न ही उचित मानदेय. उन्होंने इसे सरकार की घोर उपेक्षा करार देते हुए कहा कि वर्तमान हालात में सचिवों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है.धरना में उपस्थित सचिवों ने कहा कि उनकी मुख्य मांग है कि न्यूनतम 30 हजार रुपये मानदेय दिया जाए, सेवा को स्थायी किया जाए, बकाया मानदेय और अतिरिक्त प्रभार का शीघ्र भुगतान हो तथा जिन सचिवों को पंचायत से हटाया गया है, उनका समायोजन किया जाए. उन्होंने कहा कि वर्षों से सरकार द्वारा उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जबकि ग्राम कचहरी सचिव ग्रामीण न्याय व्यवस्था की रीढ़ हैं. नालंदा जिले में इस समय कुल 239 ग्राम कचहरी सचिव कार्यरत हैं. धरना में शामिल सचिवों ने कहा कि उनकी माली हालत इतनी खराब हो चुकी है कि बच्चों की पढ़ाई और परिवार की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है. मुख्यमंत्री न्याय के साथ विकास की बात करते हैं, लेकिन विडंबना यह है कि न्याय दिलाने वाले सचिव खुद न्याय से वंचित हैं. सभा को संबोधित करते हुए संघ के अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा. उन्होंने दो टूक कहा कि विधानसभा का घेराव कर अपनी मांगों को मजबूती से उठाया जाएगा. धरना में मुकेश कुमार सिन्हा, कमलेश कुमार, सुनीता कुमारी, सुधा कुमारी, संगीता कुमारी, खुशबू कुमारी, रश्मि कुमारी, ममता रानी, रतन कुमार, मनोज कुमार उपाध्याय, अनूप कुमार सिंह, मुकेश कुमार रेनुवाला, दिलीप कुमार, सुनील कुमार, पूजा शास्त्री, अनिल कुमार वर्मा, मनीषा, आशाफी कुमारी, सीता, अनमोल कुमार समेत बड़ी संख्या में सचिव मौजूद थे.

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