Seraikela Kharsawan News : सड़कें जर्जर, जिम्मेदार खामोश
सरायकेला की लाइफलाइन बदहाल, गड्ढों से हादसों का खतरा बढ़ा
सरायकेला.
सरायकेला-खरसावां जिले की लाइफलाइन कही जाने वाली आदित्यपुर-कांड्रा-सरायकेला, कांड्रा-चौका और कांड्रा-चांडिल मुख्य सड़कें लंबे समय से बदहाल स्थिति में हैं. जगह-जगह गड्ढे होने से वाहनों का परिचालन कठिन हो गया है. सबसे बड़ी विडंबना यह है कि आदित्यपुर-कांड्रा-सरायकेला सड़क पर टोल वसूली की जाती है, बावजूद इसके सड़कों के रख-रखाव और मरम्मतीकरण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. नतीजतन हजारों गड्ढे दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहे हैं.कांड्रा-चांडिल सड़क का टेंडर पास, फिर भी काम ठप
कांड्रा-चांडिल सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. इसके मरम्मतीकरण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन अब तक कार्य आरंभ नहीं हो पाया है. सितंबर से दुर्गा पूजा का शुभारंभ होने जा रहा है. इस दौरान जिले में भारी भीड़ और वाहनों का दबाव बढ़ेगा. ऐसे में सड़कों की खराब स्थिति से जहां आवागमन प्रभावित होगा, वहीं दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ जायेगा.गड्ढों से बढ़ रहे हादसे
जर्जर सड़कों पर बने गड्ढों के कारण रोड पर चलना मुश्किल हो गया है. ये गड्ढे अब सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बन चुके हैं. केवल जुलाई 2025 तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि कई लोग घायल हुए हैं.कई बार की गयी शिकायतें, कोई समाधान नहीं
जिले की लाइफलाइन कही जाने वाली इन सड़कों की खराब हालत को लेकर कई बार आला अधिकारियों को शिकायतें की गयीं. भाजपा नेता सुमित चौधरी ने 30 सितंबर 2024, 30 मई 2025 और 4 जुलाई 2025 को उपायुक्त को आवेदन देकर सड़कों, स्ट्रीट लाइट और नालियों की मरम्मती की मांग की थी. पूर्व नपं उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने 26 जुलाई को गड्ढों वाली सड़क पर धान की रोपनी कर विरोध जताया था, ताकि प्रशासन जल्द सड़क की मरम्मत करे.अदालत में मामला लंबित
6 अक्टूबर 2023 को जनकल्याण मोर्चा ने पब्लिक न्यूसेंस एक्ट के तहत जेआरडीसीएल के विरुद्ध अनुमंडल दंडाधिकारी की अदालत में याचिका दायर की थी. मामले की सुनवाई जारी है. 2 सितंबर 2025 को हुई सुनवाई के दौरान जेआरडीसीएल का कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुआ. इस पर दंडाधिकारी सत्येंद्र महतो ने जेआरडीसीएल को 3 अक्तूबर को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है.– विभाग के निर्देश पर पथ निर्माण विभाग की ओर से सड़क मरम्मत का कार्य शुरू किया गया था. कुछ गड्ढों को भरने के बाद काम बंद कर दिया गया. विभागीय आदेश के बावजूद भी काम बंद होना समझ से परे है. त्योहार का मौसम शुरू होने वाला है. सड़क की मरम्मत होनी चाहिए. जबतक मरम्मत नहीं होती, तब तक टोल लेना बंद कर देना चाहिए.
-मनोज चौधरी
,पूर्व नप उपाध्यक्ष सरायकेला– जेआरडीसीएल के जिम्मे में सड़क मरम्मत से लेकर स्ट्रीट लाइट और सड़क किनारे की नालियों की देखरेख भी शामिल है. जेआरडीसीएल के खिलाफ इतने पत्राचार करने के बावजूद भी सरकार अथवा प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का कोई कार्रवाई नहीं होना समझ से परे है.
-सुमित चौधरी
, भाजपा नेता सरायकेला– जिला मुख्यालय होने के कारण प्रतिदिन जिले के आला अधिकारियों के साथ साथ बड़े-बड़े लोगों का आवागमन होते रहता है. बावजूद इसके सड़क की मरम्मत न होना जिले के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.-जलेश कवि,
अधिवक्ता सह समाजसेवी– उपायुक्त एवं रोड सेक्रेटरी के प्रयास से सड़क मरम्मत का कार्य शुरू किया गया है. जहां मरम्मत नहीं हुई, वहां सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. जिले की लाइफलाइन मानी जाने वाली सड़क टोल रोड के लायक नहीं है. टोल रोड को वेल मेंटेनेंस होना चाहिए.
-ओम प्रकाश
,अधिवक्ता सह अध्यक्ष जन कल्याण मोर्चाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
