अर्पण-सम्मान के साथ सहयोग का तृतीय चरण का किया आयोजन

गरीब और अभावग्रस्त बच्चों के बीच वस्त्र व पठन-सामग्री का वितरण

By VISHAL KUMAR | September 24, 2025 5:32 PM

गरीब और अभावग्रस्त बच्चों के बीच वस्त्र व पठन-सामग्री का वितरण बच्चों के चेहरे पर दिखी खुशी प्रतिनिधि, नवादा कार्यालय. जीवनदीप पब्लिक स्कूल के प्रांगण ने बुधवार को एक विशेष सामाजिक दायित्व और मानवीय सहयोग का सजीव मंच बन गया, जब अर्पण–सम्मान के साथ सहयोग कार्यक्रम की शृंखला का तृतीय चरण अत्यंत गरिमामयी और प्रेरणादायी वातावरण में संपन्न हुआ. यह आयोजन जीवनदीप पब्लिक स्कूल एवं रानी लक्ष्मीबाई सेवा संस्थान बासुकी प्रसाद भगत ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में हुआ. इस अवसर पर विद्यालय परिवार ने गरीब और अभावग्रस्त बच्चों के बीच वस्त्र और पठन-सामग्री का वितरण किया. नन्हें बच्चों की आंखों में चमक, उनके चेहरों पर खिले मधुर मुस्कान और हाथों में पुस्तक व कपड़े मानो यह संदेश दे रहे थे कि यह सहयोग केवल सामग्री का नहीं, बल्कि उनके सपनों को नयी ऊर्जा देने का माध्यम है. कार्यक्रम में विद्यालय के शैक्षणिक प्रमुख अजीत कुमार सिन्हा, प्राचार्य रविभूषण सिंह एवं विद्यालय प्रबंधक राधामोहन चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति के साथ विद्यालय शिक्षक राधेश्याम, पीयूष राज, दुष्यंत कुमार, शिक्षिका देशना भारती तथा गैर शैक्षिक सदस्य संतोष कुमार की विशेष भूमिका रही. इस सक्रिय सहभागिता और संवेदनशील प्रयास ने पूरे आयोजन को और अधिक सार्थक बना दिया. कार्यक्रम के समापन सत्र में विद्यालय के कार्यकारी निदेशक डॉ. एकलव्य भगत ने अपने प्रेरक उद्गार व्यक्त किये. कोई बच्चा अपने सपनों से वंचित न रहे डॉ. एकलव्य भगत ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान अर्जित करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज को सशक्त बनाने का सतत अभियान है. हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों से वंचित न रह जाये. जब बच्चों को आत्मसम्मान और सहयोग मिलता है, तब वे केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए विकास का वाहक बनते हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से हम उन्हीं नन्हीं आशाओं को संबल देना चाहते हैं, जिनके सपने परिस्थितियों की धूल में दब जाते हैं. अर्पण-सम्मान के साथ सहयोग का यह तृतीय चरण केवल वस्त्र और पुस्तकों के वितरण का कार्यक्रम भर नहीं रहा, बल्कि यह संवेदनाओं और सामाजिक उत्तरदायित्व का ऐसा सुंदर संगम बन गया, जिसने सभी को यह संदेश दिया कि शिक्षा और सेवा जब साथ-साथ चलते हैं, तब समाज में समानता, सहयोग और प्रगति की ज्योति प्रज्वलित होती है.

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