रजौली में देश की पहली डिजिटल जनगणना का पूर्व परीक्षण शुरू

जनगणना-2027 की तैयारीजनगणना के निदेशक, उपनिदेशक एवं डीएम ने किया निरीक्षण, दिये आवश्यक निर्देशकैप्शन- निदेशक को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत करतीं प्रधानाध्यापिका.- निदेशक और डीएम के साथ अन्य पदाधिकारी.

By KR MANISH DEV | November 17, 2025 5:21 PM

जनगणना-2027 की तैयारी

जनगणना के निदेशक, उपनिदेशक एवं डीएम ने किया निरीक्षण, दिये आवश्यक निर्देशकैप्शन- निदेशक को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत करतीं प्रधानाध्यापिका.

– निदेशक और डीएम के साथ अन्य पदाधिकारी.

– प्रशिक्षण के दौरान निदेशक, बीडीओ, सीओ व प्रगणक.

प्रतिनिधि, रजौलीभारत की अगली जनगणना वर्ष 2027 में प्रस्तावित है. इस बार इस कार्य को पूरी तरह से डिजिटल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नवादा जिले के रजौली प्रखंड में सोमवार से पर्यवेक्षकों और प्रगणकों का तीन दिवसीय सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है. कोविड-19 महामारी के कारण हुई देरी के बाद यह जनगणना देश की पहली ऐसी गणना होगी, जो मोबाइल एप्लीकेशन और डिजिटल मैपिंग के माध्यम से पूरी की जायेगी. बिहार जनगणना निदेशालय के शीर्ष अधिकारियों और जिला प्रशासन की उपस्थिति में इस प्रशिक्षण कार्य का सोमवार को शुभारंभ हुआ. यह कार्यक्रम 19 नवंबर तक चलेगा. जनगणना जैसे राष्ट्रीय महत्व के कार्य की तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए बिहार जनगणना निदेशालय,पटना के निदेशक एम. राम चंद्रडूडू, उपनिदेशक संजीव कुमार साव और सहायक निदेशक लोकनाथ भारती रजौली पहुंचे. उनके साथ नवादा के जिलाधिकारी रवि प्रकाश और अनुमंडल पदाधिकारी स्वतंत्र कुमार सुमन भी मौजूद रहे. अधिकारियों की इस टीम ने प्रखंड कार्यालय सभागार और मध्य विद्यालय रजौली में चल रहे प्रशिक्षण कार्य का बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों को जनगणना के डिजिटल स्वरूप और डेटा की सटीकता के महत्व के बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. मध्य विद्यालय रजौली पहुंचने पर प्रधानाध्यापिका ममता रानी ने शिक्षिका कविता झा और रजनी कुमारी के साथ मिलकर अधिकारियों की टोली का पुष्पगुच्छ भेंटकर गर्मजोशी से स्वागत किया. बीडीओ संजीव झा, सीओ गुफरान मजहरी, सहायक प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी चंदन कुमार सिन्हा भी इस दौरान उपस्थित रहे. डीएम रवि प्रकाश ने प्रशिक्षणरत कर्मियों से बात करते हुए उन्हें जनगणना की महत्ता समझायी, जबकि निदेशक एम. राम चंद्रडूडू ने 2027 में होने वाली प्रक्रिया में डिजिटल बदलावों पर विस्तार से प्रकाश डाला.

173 प्रगणक और 28 पर्यवेक्षक हो रहे हैं प्रशिक्षित

प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार से शुरू होकर 19 नवंबर तक चलेगा. इस दौरान रजौली प्रखंड के 173 गणना ब्लॉकों के लिए चयनित 173 प्रगणकों और 28 पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. कुल 18 अनुभवी ट्रेनरों की मदद से यह सघन प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है, जिसका नेतृत्व बीडीओ और सीओ कर रहे हैं. प्रगणकों के लिए मध्य विद्यालय रजौली के पांच कमरों का उपयोग किया जा रहा है, जबकि पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षण प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित सभागार में चल रहा है. प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक बैच में अधिकतम 40 प्रगणकों को शामिल किया गया है, ताकि व्यक्तिगत रूप से ध्यान दिया जा सके.

डिजिटल जनगणना, पेन-पेपर से मोबाइल एप का सफर

जनगणना निदेशालय, बिहार के निदेशक एम. राम चंद्रडूडू ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि 2011 के बाद अब 2027 में जनगणना होने जा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बार जनगणना का पूरा कार्य डिजिटल मोड में किया जायेगा. अब तक जनगणना पेन-पेपर मोड में होती थी, लेकिन 2027 में होने वाली जनगणना मोबाइल एप के माध्यम से संपादित होगी. प्रगणक केवल डेटा ही नहीं, बल्कि घरों के मैप के साथ डिजिटल मैपिंग का कार्य भी करेंगे, जिससे भौगोलिक और सांख्यिकीय सटीकता सुनिश्चित होगी. जनगणना पूर्व-परीक्षण यह जांचने के लिए किया जा रहा है कि डिजिटल प्रणाली फील्ड स्तर पर कितनी प्रभावी है. बिहार राज्य में, नवादा के रजौली के अलावा सारण के सोनपुर और सीतामढ़ी के डुमरा प्रखंडों को इस पूर्व-परीक्षण के लिए चुना गया है.

प्रशिक्षण बाद 20 से 30 नवंबर तक फील्ड वर्क

प्रशिक्षण कार्यक्रम की समाप्ति के तुरंत बाद ये प्रशिक्षित प्रगणक और पर्यवेक्षक 20 नवंबर से 30 नवंबर के बीच फील्ड स्तर पर सूचनाएं एकत्र करने का कार्य शुरू करेंगे. यह फील्ड अभ्यास पूरी प्रक्रिया एप की कार्यक्षमता और डेटा संग्रह की चुनौतियों को समझने में मदद करेगा, जिससे 2027 की मुख्य जनगणना को त्रुटिरहित तरीके से संपन्न किया जा सके. यह पहल न केवल जनगणना के कार्य को त्वरित और पर्यावरण-अनुकूल बनायेगी, बल्कि देश के सांख्यिकीय डेटा को पहली बार पूरी तरह से डिजिटल स्वरूप में लाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगी, जो भविष्य की योजना और नीतियों के निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा.

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