Ranchi news : संघ के पंच प्रण को बनायें समाज का आंदोलन : दीपक
: संघ शताब्दी वर्ष पर शस्त्र पूजन व पथ संचलन कार्यक्रम रांची . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वीर सावरकर कुटे बस्ती में संघ शताब्दी वर्ष के अवसर पर शस्त्र पूजन
: संघ शताब्दी वर्ष पर शस्त्र पूजन व पथ संचलन कार्यक्रम रांची . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वीर सावरकर कुटे बस्ती में संघ शताब्दी वर्ष के अवसर पर शस्त्र पूजन एवं पथ संचलन कार्यक्रम आयोजित किया गया. अपने संबोधन में महानगर कार्यवाह दीपक ने कहा कि सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, स्वदेशी का भाव और नागरिक कर्तव्य इन पांच प्रणों की पालकी में बैठ कर ही भारत माता परम वैभव के आसन तक जाने वाली है. कोई भी भौतिक अथवा पारलौकिक समृद्धि इन पांच परिवर्तनों की परिधि के बाहर नहीं है. पंच प्रण के विषयों को स्वयं से प्रारंभ कर इन्हें समस्त समाज का आंदोलन बनाना पड़ेगा, तभी भारतवर्ष की विजयशालिनी शक्ति जागृत होगी. उन्होंने कहा कि विजयादशमी शक्ति एवं संगठन की साधना तथा मातृ शक्ति के सम्मान के संकल्प का अवसर है. उन्होंने कहा कि आज भी हिंदू समाज के चरित्र में विरोधाभास दिखायी देता है. नवरात्रि के अवसर पर बच्चियों की मां दुर्गा के रूप में पूजा करने वाला समाज का एक वर्ग आज भी लिंग परीक्षण कर कन्या भ्रूण हत्या करता है. हम अपने राष्ट्र नायकों का सम्मान तो करते हैं. परंतु उनके बताये मार्ग का अनुसरण नहीं करते. कहा कि भारत माता को परम वैभव के आसन तक ले जाने के लिए हमें अपनी विसंगतियों को दूर करना पड़ेगा. शक्तिहीन होना संसार का सबसे बड़ा पाप है. भारतवर्ष की कर्म प्रधान संस्कृति विशेषता है. यहां प्रत्येक व्यक्ति को साधना-तपस्या का फल प्राप्त होता है, इसलिए रावण, महिषासुर जैसे दुराचारी लोगों को भी उनकी साधना के कारण वरदान प्राप्त हुए. शक्ति की साधना सबके लिए अनिवार्य है. रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए ईश्वर के अवतार भगवान राम को भी शक्ति की उपासना करनी पड़ी. कलयुग में संगठन में ही शक्ति है. हिंदू समाज के संगठन के माध्यम से ही पूरे विश्व में शांति आ सकती है.
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