छह साल पुरानी गाड़ियों को नहीं मिल रही हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट
छह साल से पुरानी गाड़ियों को झारखंड में हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण झारखंड के वाहनों को दूसरे राज्यों में परेशानी हो रही है.
रांची. छह साल से पुरानी गाड़ियों को झारखंड में हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट नहीं दिया जा रहा है. जिसके कारण झारखंड के वाहनों को दूसरे राज्यों में परेशानी हो रही है. झारखंडवासी जब अपनी वाहन लेकर दूसरे राज्य में जाते हैं तो वहां की ट्रैफिक पुलिस उन्हें रोक कर जुर्माना करती है. व्यवसायी वर्ग के लोगों को इससे सबसे अधिक परेशानी हो रही है, क्योंकि व्यवसाय के सिलसिले में उन्हें हर माह दूसरे राज्य जाना पड़ता है. जुर्माना के डर से उन्हें नयी गाड़ी खरीदनी पड़ रही है. हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट नहीं लगे होने पर पहली बार पकड़े जाने पर 5000 रुपये जुर्माना लगता है. राज्य में अप्रैल 2019 से पहले निर्मित वाहनों को यह सुविधा नहीं मिल रही है. बताया जाता है कि कुछ कानूनी पेंच के कारण इसे बंद करना पड़ा है. जानकारी के अनुसार पूरे राज्य में 39.08 लाख तथा राजधानी में 9.98 लाख वाहनों में हाई सिक्यूरिटी नंबर लगाया जाना था.
इसके लगाने के क्या हैं लाभ
यह एल्युमिनियम निर्मित नंबर प्लेट है. इसके ऊपर बायीं ओर एक नीले रंग का होलोग्राम होता है. इसके नीचे एक यूनिक ब्रांडेड 10 अंक का स्थायी पहचान संख्या पिन दिया जाता है, जिसे स्कैन करने पर वाहन की पूरी जानकारी मिलती है. पंजीकृत अंकों पर एक हॉट स्टैम्प फिल्म लगायी जाती है. नीले रंग में शॉर्ट में इंडिया लिखा होता है. यह प्लेट वाहन चोरी रोकने, धोखाधड़ी कम करने, राष्ट्रीय स्तर पर नंबर प्लेटों में एकरूपता लाने और कानून प्रवर्तन को सुविधाजनक बनाने में मदद करती है. हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट लगे होने पर उनकी नकल करना भी मुश्किल होता है. यह प्लेटें सड़क सुरक्षा में भी सुधार करती हैं क्योंकि इनकी रेट्रो-रिफ्लेक्टिव फिल्म कम रोशनी में भी वाहनों को आसानी से देखा जा सकता है. इस संबंध में परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कानूनी पेंच शीघ्र समाप्त होने वाला है, हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट उपयुक्त वाहनों में शीघ्र लगाया जायेगा.
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