एनसीसी एक सामान्य ऐच्छिक विषय के रूप में बीएनएमयू में लागू, जताया हर्ष
सीबीसीएस के अंतर्गत एनसीसी एक सामान्य ऐच्छिक विषय के रूप में बीएनएमयू में लागू हुआ. साथ ही साथ दो सितंबर को परीक्षा नियंत्रक द्वारा जारी पत्र द्वारा प्रक्रिया में शामिल करने पर एनसीसी से जुड़े छात्रों और पदाधिकारियों में हर्ष है.
मधेपुरा. सीबीसीएस के अंतर्गत एनसीसी एक सामान्य ऐच्छिक विषय के रूप में बीएनएमयू में लागू हुआ. साथ ही साथ दो सितंबर को परीक्षा नियंत्रक द्वारा जारी पत्र द्वारा प्रक्रिया में शामिल करने पर एनसीसी से जुड़े छात्रों और पदाधिकारियों में हर्ष है. इसे लेकर एनसीसी की ओर से मेजर गौतम कुमार ने बीएनएमयू के कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा के प्रति आभार जताते हुए कहा कि इसको लागू करवाने की प्रक्रिया के दौरान कुलपति ने विशेष दिलचस्पी दिखाते हुए पहल की, जो एनसीसी के प्रति उनके लगाव का सूचक है. वहीं डॉ गौतम कुमार ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो डॉ अशोक ठाकुर व परीक्षा नियंत्रक डॉ शंकर मिश्रा के योगदान के प्रति भी आभार जताते कहा कि सदन के निर्णय व कुलपति के आदेश को लागू करवाने में दोनों स्तर पर बड़ी तत्परता दिखायी गयी. भविष्य में उसके सकारात्मक प्रभाव नजर आयेंगे. ज्ञात हो कि इस आलोक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), नई दिल्ली द्वारा देश के सभी सरकारी व निजी महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में एनसीसी को विषय इसमें चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के अंतर्गत एक ऐच्छिक विषय (इलेक्टिव सब्जेक्ट) के रूप में शामिल करने का पत्र जारी किया गया था. इसी कड़ी में राज्यपाल सचिवालय, राजभवन, बिहार, पटना द्वारा भी संदर्भित पत्र जारी किया गया था. इसके बाद बीएनएमयू के सिंडिकेट सदस्य सह मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा में एनसीसी पदाधिकारी मेजर डॉ गौतम कुमार ने इसको लागू करवाने के लिए लंबे समय से लगातार सीनेट, सिंडिकेट में आवाज उठाने के अतिरिक्त पत्राचार के द्वारा भी पहल जारी रखी. राष्ट्रसेवा व समाजसेवा में एनसीसी बड़ा प्लेटफाॅर्म विश्वविद्यालय द्वारा एनसीसी के छात्रों के परीक्षा प्रपत्र भरवाने की अधिसूचना जारी होने के बाद मेजर गौतम बताते हैं कि एनसीसी के स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम का अंग बनने पर इसके गौरवशाली इतिहास में एक नया आयाम जुड़ गया. इससे युवा पीढ़ी एनसीसी की ओर आकर्षित होगी. संप्रति ऑपरेशन सिंदूर के बाद से उत्पन्न परिस्थितियों में पूरे देश में सिविल डिफेंस वॉरियर की जरूरतें बढ़ी हैं. इसमें एनसीसी कैडेट्स की भी बड़ी भूमिका है. इस कोर्स के जरिए विद्यार्थी एनसीसी के प्रेरणादायक इतिहास व गौरवशाली परंपराओं में शिक्षित व दीक्षित हो सकेंगे और उन्हें युद्ध कौशल, आपदा- प्रबंधन, राष्ट्रीय सुरक्षा, राष्ट्रीय एकता, नागरिक मामले, सामाजिक जागरूकता, सामुदायिक विकास, जन- स्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण -संरक्षण आदि का भी ज्ञान प्राप्त होगा। इससे विद्यार्थियों में अनुशासन, राष्ट्रप्रेम, निस्वार्थ सेवाभाव व अन्य चारित्रिक गुणों का विकास होगा और भारतीय सेना जैसे गौरवशाली क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा. इसके अलावा विद्यार्थी अन्य सरकारी व गैर-सरकारी क्षेत्र में भी रोजगार प्राप्त करने में दक्ष होंगे और आत्मरक्षा प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में स्वरोजगार व उद्यम भी कर सकेंगे. यह प्रकारांतर से विकसित भारत 2047 अभियान में उत्प्रेरक साबित होगा. यूएमआइएस को वेबसाइट पर लोड करने का आदेश भी जारी कर दिया है. सिंडिकेट सदस्य मेजर गौतम कुमार ने कहा कि यह बड़ी उपलब्धि है निकट भविष्य में इसके कई सार्थक परिणाम देखने को मिलेंगे.
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