Motihari: बरामद राडो घड़ी का संबंध शटरकटवा गिरोह से तो नहीं
यूपी पुलिस ने साइबर गिरोह के सरगना सस्पियर, सत्यदेव, प्रदीप कुमार सिंह, लवकुश वर्मा व जयप्रकाश को गिरफ्तार किया था.
Motihari: घोड़ासहन .यूपी पुलिस ने साइबर गिरोह के सरगना सस्पियर, सत्यदेव, प्रदीप कुमार सिंह, लवकुश वर्मा व जयप्रकाश को गिरफ्तार किया था. छापेमारी में बरामद राडाे घड़ी की जांच की जा रही है. मामले में घोड़ासहन निवासी पिता-पुत्र भूषण चौधरी व गोलू कुमार को गिरफ्तार किया गया है. इन दोनों के खातों से 56 करोड़ रुपये क्रिप्टो के माध्यम से विदेश भेजे गए हैं. दोनों पर 112.65 करोड़ रुपये क्रिप्टो के माध्यम से विदेश भेजे जाने के सबूत पुलिस को मिले हैं. इसके बाद गिरोह के सरगना सस्पियर का मुख्य सहयोगी फिरोजाबाद के सौरभ कुमार को गिरफ्तार किया गया. उसके पास मिले 85 बैंक खातों में से 35 की जांच में 24 करोड़ रुपये क्रिप्टो के माध्यम से विदेश भेजे गए हैं. पुलिस गोलू सहित अन्य लोगों के पास से बरामद राडो घड़ी की भी जांच कर रही है कि ठगी के धंधे में घड़ी का कौन सा धंधा है. आशंका है कि इन लोगों ने शटरकटवा गिरोह से संबंध बना घड़ी खरीद बिक्री का धंधा शुरू किया है, जो जांच के बाद स्पष्ट हो पायेगा. बता दें कि तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार के समय घोड़ासहन के शटरकटवा गिरोह से एक-एक करोड़ की दो से तीन कीमती घड़ियां बरामद हुई थींं. यह दिल्ली की एक दुकान से शटर काटकर लायी गई थीं. पाकिस्तान के 30 खातों में भेजे थे 8.15 करोड़ रुपये बिहार के नवादा जिले के मुफस्सिल का रहने वाला सस्पियर दिल्ली में रहकर साइबर गिरोह को संचालित करता था. पकड़े जाने के बाद उसके मोबाइल से चार पाकिस्तानी व्हाट्सएप नंबर संचालित मिले. सितंबर 2024 से जुलाई 2025 तक उसने बाइनेंस एप के माध्यम से पाकिस्तान के 30 खातों में 8.15 करोड़ रुपये भेजे हैं. यह टेरर फंडिंग के बताए जा रहे हैं. इसके लिए 200 बैंक खातों के यूपीआइ कोड बनाकर ऐप से फ्रॉड की रकम मंगाई जाती थी. कई स्थानीय खाताधारकों से 10 हजार के महीने के किराये पर उनके बैंक खाते लिये जाते थे. उसमें फ्रॉड का पैसा मंगाया जाता था.
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