Gaya News : दिन में जल रहीं स्ट्रीट लाइटें, हर माह 45 लाख से अधिक की बिजली हो रही बर्बाद

गया. शहर में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था नगर निगम की ओर से की गयी है. लेकिन, शाम को चालू करने के बाद इसे बुझाने की चिंता किसी को नहीं होती

By PANCHDEV KUMAR | March 19, 2025 10:10 PM

गया. शहर में स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था नगर निगम की ओर से की गयी है. लेकिन, शाम को चालू करने के बाद इसे बुझाने की चिंता किसी को नहीं होती है. शहर में करीब 18 हजार स्ट्रीट लाइटें लगायी गयी हैं. इसमें कुछ ही जगहों पर दिन में लाइटें बुझी मिलती हैं. निगम सूत्रों का कहना है कि करीब 18 हजार लाइटें ठीक स्थिति में हैं. इतनी लाइटें जलाने में 54 हजार यूनिट बिजली की खपत होती है. इसमें दिन में जलने से करीब 25 हजार यूनिट बिजली बर्बाद हो जाती है. एक माह में साढे सात लाख यूनिट बिजली बर्बाद हो रही है. इसमें करीब 45 लाख रुपये हर माह बेमतलब के ही जा रहे हैं. शहर में सिर्फ नयी लाइटें लगाने पर चर्चा होती है. इन्हें बुझाने या बेमतलब के जलने से रोकने की चिंता किसी को नहीं रहती है. दिन में स्ट्रीट लाइटें जलते रहने से खराब होने की संभावना भी अधिक रहती है. निगम के वार्ड जमादार को दी गयी है जिम्मेदारी लाइट बुझाने की जिम्मेदारी वार्ड में तैनात जमादार को दी गयी है. लेकिन, वे साफ-सफाई के काम में इतने व्यस्त रहते हैं कि लाइट बुझाने का काम नहीं कर पाते हैं. निगम के 53 वार्डों में अगर 106 कर्मचारियों को अलग से लाइट बुझाने के लिए रखा जाता है, तो उनके ऊपर लगभग 11 लाख रुपये हर माह खर्च आयेगा. इतना पैसा खर्च कर 45 लाख की बिजली की बर्बादी को रोका जा सकता है. अब तक नहीं बना सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम 2015-16 में ही नगर निगम में तय किया गया था कि निगम परिसर में शहर के लाइट पर निगरानी के लिए सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम बनाया जायेगा. इसमें लाइट खराब होने पर संकेत मिल जायेंगे. एक साथ शहर के सभी स्ट्रीट लाइटों में जलाया बुझाया जा सकेगा. इसके लिए विभाग की ओर से एक एजेंसी को भी हायर किया गया. शहर में लाइट एजेंसी जैसे-तैसे लगायी. लेकिन, अब तक कंट्रोल रूम पर चर्चा तक नहीं हो सकी. इतना ही नहीं कुछ दिन पहले संबंधित एजेंसी को यहां के लाइट के काम से बोर्ड में प्रस्ताव पारित कर मुक्त कर दिया गया. इसके बाद अब तक लाइटों के रखरखाव की जिम्मेदारी तय नहीं की गयी है. एजेंसी को रखरखाव की जिम्मेदारी जल्द ही सौंप दी जायेगी किसी एजेंसी की जिम्मेदारी तय नहीं होने के चलते वार्ड के जमादार को ही लाइट बुझाने की जिम्मेदारी दी गयी है. लाइट नहीं बुझाने से लाखों रुपये की बिजली हर माह बर्बाद हो रही है. इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. सेंट्रलाइज्ड सिस्टम भी यहां कायम नहीं हो सका है. एजेंसी को रखरखाव की जिम्मेदारी जल्द ही सौंप दी जायेगी. इसके लिए प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है. ऐसे इसमें सुधार के लिए निर्देश दे दिया गया है. गौरव सिन्हा, नोडल अधिकारी, नगर निगम लाइट व्यवस्था

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