दुर्गा पूजा को लेकर क्षेत्र में उत्साह, समिति विस्तार व मूर्ति निर्माण कार्य प्रारंभ
दुर्गा पूजा को लेकर किस्को में तैयारी शुरू हो चुकी है.
किस्को. दुर्गा पूजा को लेकर किस्को में तैयारी शुरू हो चुकी है. विभिन्न स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमा बनाने का काम शुरू हो चुका है. पूजा को बेहतर तरीके से शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराने को लेकर पूजा कमेटी गठित हो चुकी है. लोग पूजा को लेकर उत्साहित नजर आ रहे हैं एवं आगे आकर सहयोग कर रहे हैं. किस्को में किस्को मुख्य चौक, नवाडीह, जनवल, आरेया, पतगेच्छा, सेमरडीह एवं मेरले में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है. इन स्थानों पर प्रतिवर्ष बड़ी ही धूमधाम से दुर्गा पूजा मनायी जाती है. नवाडीह व मेरले पूजा समितियों की ओर से रावण दहन कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. वहीं कई स्थानों पर भक्ति जागरण, कीर्तन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों व आर्केस्ट्रा का आयोजन किया जाता है. मेले का भी आयोजन वर्षों से किया जाता है. किस्को प्रखण्ड क्षेत्र में दुर्गा पूजा का इतिहास काफी पुराना है. नवाडीह में वर्ष 1967 से दुर्गा पूजा की जाती है. जिसकी शुरुआत स्वर्गीय प्रभु साहू द्वारा किया गया था. वहीं किस्को में 1978 से स्वर्गीय लाल नवल नाथ शाहदेव द्वारा दुर्गा पूजा की शुरुआत की गयी. वहीं पतगेच्छा में पिछले 10 से 15 वर्षो से पूजा की जाती है.यहां पूजा का शुभारंभ अर्जुन सिंह द्वारा किया जाता है.आरेया में 1960 से ग्रामीणों के सहयोग से व जनवल में 1969 से स्वर्गीय नागेश्वर साहू द्वारा पूजा की शुरुआत हुई. मेरले में 2020 व सेमरडीह में 2023 में पूजा की शुरुआत हुई.
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