Buxar News: मौत बनकर घरों के ऊपर से दौड़ रहे बिजली के तार
शहर के कई रिहायशी मुहल्लाें में घरों के ऊपर से गुजरते तार मौत को दावत दे रहे हैं
बक्सर
. शहर के कई रिहायशी मुहल्लाें में घरों के ऊपर से गुजरते तार मौत को दावत दे रहे हैं. कई घरों के ऊपर से 33 हजार वोल्टेज तो कई घरो से 11 हजार वोल्टेज के तार गुजर रहे हैं. यही नहीं कई मकानों पर से तो बांस बले के सहारे भी तार गुजरते नजर आ रहे हैं. इन तारों से प्रतिमाह दुर्घटना होती रहती है. अभी हाल ही में वीर कुंवर सिंह कॉलोनी में 33 हजार केवी तार के चपेट में आने से एक मजदूर जख्मी हो गया था. इस तरह की घटना प्रतिमाह होता रहता है. रविवार को जब प्रभात खबर कि टीम शहर के कई मोहल्ला जैसे वीर कुंवर सिंह कॉलोनी, चरित्रवन, धोबी घाट समेत कई घनी आबादी वाले मोहल्लों में देखा तो पाया गया कि बिजली विभाग की घोर लापरवाही सामने आ रही है. इन इलाकों में कई घरों की छतों के ठीक ऊपर से हाई वोल्टेज विद्युत तार गुजर रह हैं, जो आए दिन जानलेवा साबित हो रहे हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार तारों की ऊंचाई इतनी कम है कि छत पर चढ़ते ही लोग उसके चपेटै में आ जाते हैं. बारिश या तेज़ हवा के दौरान स्थिति और भी भयावह हो जाती है. अब तक कई हादसे हो चुके हैं, जिनमें कुछ लोगों की जान भी जा चुकी है. बावजूद इसके बिजली विभाग इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. धोबी घाट क्षेत्र की रहने वाली महिला रीता देवी कहती हैं कि छत पर कपड़े सुखाने में डर लगता है. बच्चे ऊपर नहीं जा सकते. हर वक्त डर बना रहता है कि कोई हादसा न हो जाए. स्थानीय नागरिकों ने कई बार विभाग से लिखित शिकायतें की हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. शहर में लोगों के घरों व छतों से गुजरते बिजली तार से कई हादसे हो चुके हैं. अभी पिछले साल ही सोहनीपट्टी में घर के छत से गुजर रहे तार के संपर्क में आने से एक युवक की जान चली गयी थी, वहीं कुछ दिन पहले चरित्रवन में विद्युत तार के चपेट में आने से एक बिजली मिस्त्री की मौत हो गयी थी. आये दिन शहर में कहीं न कहीं लोगों के घरों व छतों से गुजर रहे हाइटेंशन विद्युत तार से हादसे होते रहते हैं. इसे संयोग ही कहा जाय कि कभी बड़े हादसे हो जाते हैं तो लोगों की जान चली जाती है. मगर जब छोटे हादसे होते हैं तो इसकी खबर से शहरवासी अनभिज्ञ रहते हैं. मगर लोगों की जान की परवाह विभाग को नहीं है. इस तस्वीर को देखिए नगर के बीच कई मुहल्लों के लोग जान हथेली पर रखकर जीने को मजबूर हैं. जिनके घरों के छतों से 33 हजार वोल्ट का तार गुजर रहा है. लिहाजा यहां के लोग हमेशा दहशत में रहते हैं. बरसात के दिनों में दिनों में इनझनाहट आ जाती है. लोग को निजी अपने स्तर से विभागीय सहयोग से प्लास्टिक का पाइप से तार का कवर करा दिख गया है. जिससे अनहोनी से बचा जा सके.मकान के बीचोंबीच गड़ा लोहे के पौल से हमेशा खतरा बना रहता है. इन पोली में कभी-कभी अर्थ है जिससे खतरा बनी रहती है.पोल के चारों ओर से घर बनकर तैयार ही गया है, बरसात के दिनों में पोल में हमेशा करेंट आता है .विद्युतप्रवाहित तारों से सुरक्षा को लेकर बांस का सहारा देकर संचालित किया गया है, जिसमें से एक सहायक बांस सड़कर टूट गया है जिससे 13 हजार विद्युत प्रतितार से कंपन होता है .बोले अधिकारीतार पहले से है. घर बाद में बने हैं. घर बनाने से पहले विभाग से अनुमति लेना होता है. अनुमति देने से पहले विभाग देखता है कि वह पोल तार दूसरे जगह शिफ्ट करने लायक है या नहीं. लेकिन लोग अनुमति नहीं लेते हैं. सूर्य प्रकाश सिंहकार्यपालक अभियंता विद्युत विभागडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
