बेबी कॉर्न व स्वीट कॉर्न की खेती करें किसान, होगा फायदा

- ई किसान भवन में प्रखंड स्तरीय किसान गोष्ठी का हुआ आयोजन - बेबी कॉर्न का उपयोग किया जाता है सलाद, सब्जी व सूप में, होता है पौष्टिक

By RAJEEV KUMAR JHA | November 22, 2025 6:56 PM

– ई किसान भवन में प्रखंड स्तरीय किसान गोष्ठी का हुआ आयोजन – बेबी कॉर्न का उपयोग किया जाता है सलाद, सब्जी व सूप में, होता है पौष्टिक – पराली जलाने पर तीन साल तक किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा रद्द वीरपुर. ई किसान भवन में शनिवार को प्रखंड स्तरीय किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ अनुमंडल कृषि पदाधिकारी संजीव कुमार तांती, सहायक निदेशक रसायन अमितेश कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी अमित कुमार, बीस सूत्री अध्यक्ष पवन कुमार मेहता, उपाध्यक्ष अनिल कुमार खेड़वार, जिप सदस्य किरण कुशवाहा, बीसीओ रोशन सिंह, प्रखंड उद्यान पदाधिकारी मिथिलेश कुमार क्रांति, प्रखंड कृषि समन्वयक राजीव रंजन ने किया. बीएओ ने कहा कि रबी फसल में तकनीकी जानकारी के लिए यह गोष्ठी जरूरी है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में विभाग द्वारा 1000 क्विंटल गेहूं का बीज प्राप्त है, जिसमें 650 क्विंटल का वितरण किया जा चुका है. उन्होंने किसानों को बेबी कॉर्न एवं स्वीट कॉर्न की भी जानकारी दी. बताया कि ये फसल मात्र दो महीना में पूरा उत्पादन देता है और बाजार में इसकी मांगे भी हैं. यदि किसान उपज करेंगे तो बाजार का प्रबंध भी किया जाएगा. बेबी कॉर्न का उपयोग सलाद, सब्जी और सूप में किया जाता है. यह पौष्टिक होता है. किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है. उन्होंने कृषि यांत्रिकरण की भी जानकारी दी. बताया कि 75 किसानों को अनुदानित दर पर यह सामान दिया जाएगा. बताया कि 10 दिसंबर तक जिन किसानों का नाम आ जाता है वे कार्यालय से संपर्क कर अनुदानित दर पर यांत्रिकरण कीट प्राप्त कर सकते हैं. इच्छुक किसानों को 10 लाख तक का सामान दिया जा सकता है. 25 किसानों की समूह में इसे आसानी से प्राप्त किया जा सकता है. फसल की बुआई से काटने तक के समानों को सब्सिडी से प्राप्त किया जा सकता है. इसके अलावा बर्मी कम्पोस्ट खाद के निर्माण पर चर्चा की गई. एक पिट के निर्माण पर पांच हजार का अनुदान देने की बात कही गई. 10 फीट लम्बा, 3 फीट चौड़ा और ढाई फीट गहरा पिट किसान तैयार कर अधिकतम तीन पिट का निर्माण कर 15 हजार तक की सब्सिडी ले सकते हैं. कहा गया कि खेतों की पराली नहीं जलाकर बर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार किया जा सकता है. इसके अलावा बर्मी कम्पोस्ट तैयार करने की विधि भी बताई गई. प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि पराली जलाने पर तीन साल तक आपका किसान रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है. प्रखंड उद्यान पदाधिकारी ने कहा कि खेतों की जुताई के समय ही जिंक का प्रयोगशाला करें. पोटाश के साथ जिंक का प्रयोगशाला नहीं करें. कोसी क्षेत्र में जिंक की कमी है लेकिन इसका उपाय छिड़काव है. निर्धारित समय सीमा के भीतर खेती करें. व्यावसायिक खेती पर अधिक ध्यान दें, ताकि आपकी आमदनी बढ़ सके. बीज का चयन सही करें. अच्छे दुकानदार से और उन्नत किस्म के साथ-साथ विभागीय सलाह के साथ खेती करें, ताकि उन्नत फसल तैयार हो. उद्यान की योजनाओं को दूसरे किसानों को भी बताएं, ताकि विभागीय जानकारी किसानों को मिल सके. कहा कि हाल के दिनों में केले की खेती के लिए विभागीय तैयारी की जा रही है, जल्द ही उन्नत किस्म के केले के बीज उपलब्ध कराये जायेंगे. केले में अनुदान की राशि बढ़ा दी गई है. फार्मर शेयर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पांच रुपया प्रति पौधा दिया जाएगा. एक हेक्टेयर के लिए 3086 पौध मिलेगा, जिसका अनुदान 28 हजार रुपया मिलेगा. अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने बताया कि रबी फसल के बीज, उत्पादन और बाजार को लेकर प्रगतिशील किसानों को आवश्यक जानकारियां दी गई है. विभागीय बीज की जानकारी दी गई है जिसमें मुख्य रूप से मसूर, सरसों, गेहूं, बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न, मटर की जानकारी दी गई है. मौके पर सुशील मेहता, जगदीश मेहता, रामानंद मेहता, अमरेंद्र पासवान, राजाराम पासवान, रामचंद्र मेहता, राजकुमार, ललन गोठिया, अवधेश मेहता, किसान सलाहकार भोला कुमार राम, लालचंद, पवन यादव, सतीश कुमार गुप्ता, राजेश कुमार, उमेश मेहता, शंकर प्रसाद साह, मनोज मनीष, देवकुमार राम, सत्येंद्र झा, मनोज कुमार, सुरेंद्र कुमार, सोनू कुमार आदि मौजूद थे.

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