Premanand Ji Maharaj: इंसान को कंगाल बना देगी ये 6 आदतें
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज अपने प्रवचनों से लोगों को आध्यात्मिकता और भक्ति की ओर प्रेरित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और मत्सर जैसे छह विकार इंसान को कंगाल और दुखी बना देते हैं. उनसे मुक्ति का उपाय केवल भगवान का भजन है.
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज अपने सत्संग और प्रवचनों से लाखों लोगों के जीवन को छू रहे हैं वे केवल आध्यात्मिकता ही नहीं, बल्कि भक्ति और जीवन मूल्यों की भी सीख देते हैं. उनकी लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और खासकर युवा वर्ग उन पर विशेष श्रद्धा रखता है. प्रतिदिन हजारों लोग उनके प्रवचनों में शामिल होने के लिए उत्सुक रहते हैं. भक्त पूरी रात कतारों में खड़े होकर टोकन लेते हैं, जिससे सुबह के सत्संग का लाभ उठा सकें. यही नहीं, सोशल मीडिया के माध्यम से भी करोड़ों लोग उनकी वाणी सुनकर प्रेरित हो रहे हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव अनुभव कर रहे हैं.
भक्त ने पूछा प्रेमानंद जी महाराज सवाल
एक सत्संग में जब एक शिष्य ने उनसे पूछा कि मनुष्य को कंगाल बनाने वाली चीजें कौन-सी हैं, तो महाराज जी ने अत्यंत गहराई से उत्तर दिया. उन्होंने बताया कि इच्छाओं और वासनाओं से उत्पन्न विकार ही जीवन को बर्बादी की ओर धकेलते हैं. ये धीरे-धीरे इंसान को विवेकहीन बना देते हैं और आखिर में उसे गरीबी व दुख की ओर ले जाते हैं.
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ये 6 आदतें मनुष्य को बनाएगी कंगाल
प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि कुल 6 प्रमुख विकार हैं, जिनमें काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और मत्सर शामिल हैं. काम का अर्थ है अनियंत्रित इच्छाएं, जो कभी पूरी नहीं होतीं और इंसान को बेचैन रखती हैं. क्रोध का मतलब है गुस्से पर काबू न होना, जो रिश्तों और अवसरों को नष्ट कर देता है. लोभ यानी जरूरत से अधिक पाने की चाह, जो संतोष को खत्म करती है. मोह का अर्थ है किसी से अत्यधिक लगाव, जिससे अलग होने का विचार भी असहनीय लगता है. मद घमंड को दर्शाता है, जो इंसान को गलत राह पर ले जाता है. वहीं मत्सर यानी ईर्ष्या, जब दूसरों की सफलता देखकर मन में जलन उत्पन्न हो.
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इन पर काबू पाना जरूरी
प्रेमानंद जी महाराज ने स्पष्ट कहा कि ये 6 दोष इंसान को रोगी और दुखी बना देते हैं और आखिर में उसका सर्वनाश कर देते हैं. उनसे छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय है भगवान का भजन और नाम स्मरण. सत्संग और भक्ति ही इन विकारों पर विजय पाने का सच्चा साधन हैं.
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