Parenting Tips: बच्चा मोबाइल से नहीं हो पा रहा दूर तो करें ये 7 आसान काम, हाथ लगाने से भी डरेगा

Parenting Tips: डिजिटल दौर में बच्चों की मोबाइल की लत माता-पिता के लिए बड़ी चिंता बनती जा रही है. ज्यादा स्क्रीन टाइम बच्चों की आंखों, नींद और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है. जानिए 7 आसान और असरदार उपाय, जिनकी मदद से बच्चे धीरे-धीरे मोबाइल से दूरी बनाना सीखेंगे.

By Sameer Oraon | December 14, 2025 8:01 PM

Parenting Tips: डिजिटल मीडिया के दौर में मोबाइल फोन बच्चों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है ऑनलाइन पढ़ाई, गेम, वीडियो और सोशल मीडिया ने बच्चों को स्क्रीन से बांधकर रख दिया है. लेकिन मोबाइल के इस जरूरत ने बच्चों को इसका एडिक्शन बना दिया है. नतीजा ये हो रहा बच्चों को अब कम उम्र में चश्मे की जरूरत पड़ जा रही है. लेकिन इससे बड़ी समस्या ये है कई बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि माता-पिता बच्चों को मोबाइल की लत से कैसे बचाएं. हालांकि बच्चों को मोबाइल की लत से बचाना से कोई कठिन काम नहीं है बस कुछ छोटे-छोटे उपाय इस समस्या से काफी हद तक निजात दिला सकते हैं.

मोबाइल की लत क्यों बन रही है समस्या?

लगातार स्क्रीन देखने से बच्चों की आंखों पर असर पड़ता है, नींद की समस्या बढ़ती है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता कम होने लगती है. इसके अलावा बच्चों में चिड़चिड़ापन, गुस्सा और अकेलापन भी बढ़ सकता है. पढ़ाई और पारिवारिक बातचीत पर भी इसका नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है.

समय सीमा तय करें

माता-पिता को सबसे पहले बच्चों के लिए मोबाइल इस्तेमाल की स्पष्ट समय सीमा तय करनी चाहिए. पढ़ाई, खेल और परिवार के समय को ध्यान में रखते हुए स्क्रीन टाइम निर्धारित करें और इसका पालन खुद भी करें.

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बच्चों के लिए खुद बनें उदाहरण

बच्चे वही सीखते हैं, जो वे माता-पिता को करते हुए देखते हैं. अगर घर में हर समय मोबाइल हाथ में रहेगा, तो बच्चों को इसे दूर करना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए माता-पिता को भी अपने स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण रखना जरूरी है.

आउटडोर खेल और गतिविधियों को बढ़ावा दें

बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए उन्हें खेल, योग, साइकिलिंग और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करें. इससे न सिर्फ उनका ध्यान बंटेगा, बल्कि शारीरिक विकास भी बेहतर होगा.

मोबाइल को इनाम न बनाएं

अक्सर माता-पिता बच्चों को चुप कराने या खुश करने के लिए मोबाइल दे देते हैं. यह आदत धीरे-धीरे लत में बदल जाती है. बच्चों को मोबाइल की बजाय समय, बातचीत और सराहना या छोटे छोटे इंडोर गेम्स के लिए प्रोत्साहित करें.

सोने से पहले मोबाइल से दूरी

कई मनोविज्ञान विशेषज्ञ लोगों को सोने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल और अन्य स्क्रीन से दूरी बनाने को कहते हैं. इससे बच्चों की नींद बेहतर होती है और मानसिक शांति बनी रहती है.

बच्चों से खुलकर बात करें

मोबाइल पर रोक लगाने से पहले बच्चों से बातचीत करना बेहद जरूरी है. उन्हें प्यार से समझाएं कि ज्यादा मोबाइल क्यों नुकसानदायक है और इसके विकल्प क्या हो सकते हैं. जब बच्चे कारण समझते हैं, तो नियम मानना उनके लिए आसान हो जाता है.
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