सूर्य से कई गुणा बड़ा चमकीला तारा ब्रह्मांड से हो गया था गायब, अब हुआ खुलासा

Mysterious star brighter than sun, diappears, interstellar suicide, Luminous blue variables, Black Holes : वर्ष 2019 में सूरज की तुलना में 2 मिलियन गुना ज्यादा चमकीला और बड़ा तारा अचानक गायब हो गया था. इसे लेकर अब नया खुलासा हुआ है. दरअसल, रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मासिक नोटिस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार यह लूमनस ब्लू वैरियबल (luminous blue variable) नक्षत्र कुंभ राशि में स्थित था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2020 2:14 PM

Mysterious star brighter than sun, diappears, interstellar suicide, Luminous blue variables, Black Holes : वर्ष 2019 में सूरज की तुलना में 2 मिलियन गुना ज्यादा चमकीला और बड़ा तारा अचानक गायब हो गया था. इसे लेकर अब नया खुलासा हुआ है. दरअसल, रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मासिक नोटिस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार यह लूमनस ब्लू वैरियबल (luminous blue variable) नक्षत्र कुंभ राशि में स्थित था.

विशेषज्ञों की मानें तो इसके गायब होने का प्रमुख कारण था इसका ब्लैक होल में गिरना. दरअसल, इसे सुपरनोवा से होकर गुजरने था, जबकि यह बड़े आकारा के ब्लैक होल में गिर गया. कुछ वैज्ञानिकों ने इसे ‘इंटरस्टेलर आत्महत्या’ बताया है. उनका कहना है कि वे ऐसा पहले कभी नहीं देखे है.

ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन के एक खगोलशास्त्री जोस ग्रोह ने इस तारे के बारे में बताया कि हमने शायद ब्रह्मांड के सबसे विशाल सितारों में से एक का पता लगाया था.

आपको बता दें कि यह तारा धरती से 75 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर था और इसका अध्ययन 10 वर्षों से किया जा रहा था. वर्ष 2001 से 2011 तक इस तारे पर शोध किया गया था.

तारे का रहस्यमय ढंग से गायब होना वैज्ञानिकों को गहरी चिंता में डाल दिया था. यह सूरज से कई गुणा बड़ा स्टार है.

गौरतलब है कि हाल में ही एक तारे की टूट कर गिरने की घटना हुई थी. जिसे पूर्व में बताया जा रहा था कि इससे धरती को भी खतरा हो सकता है. लेकिन, ऐसा हुआ नहीं. दरअसल, एक विशाल धूमकेतू के सूरज की ओर से पृथ्वी की ओर बढ़ने की सूचना थी. वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया था कि 27 मई को यह धरती के सबसे ज्यादा करीब से होकर गुजरेगा. उन्हें डर था कि कहीं यह धरती से न टकरा जाए. हालांकि, इस पर और शोध करने पर उन्होंने ऐसी घटना होने की पुष्टि नहीं की.

क्या होता है धूमकेतू

आपको बता दें कि धूमकेतु भी एक प्रकार का तारा होता है. सौरमण्डल में पाए जाने वाले पिंड को भी धूमकेतु कहते है. यह छोटा या बेहद बड़े आकार का भी हो सकता है. जो मूल रूप से पत्थर, धूल, बर्फ और गैस जैसे तत्वों से मिलकर बना होता है. यह तेज तेज गति से चलता है जिसके कारण इसके पीछे दुम की तरह एक लम्बी लाइन दिखाई देती है. जो सूर्य के प्रकाश में चमकदार दिखाई पड़ता है. इसे आम बोलचाल की भाषा में पुच्छ्ल तारा भी कहा जाता है.

Posted By : Sumit Kumar Verma

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