Mood Swings During Periods: पीरियड्स में क्यूं होते है मूड स्विंग्स?

Mood Swings During Periods:पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स को समझें और अपनाएं सरल उपाय, जैसे सही आहार, व्यायाम और मानसिक शांति, जिससे आप खुद को बेहतर महसूस कर सकें

By Pratishtha Pawar | March 13, 2025 6:47 PM

Mood Swings During Periods: महिलाओं के जीवन का एक सामान्य हिस्सा होने के बावजूद, पीरियड्स के दौरान होने वाली शारीरिक और मानसिक परेशानियां कई बार काफी प्रभाव डाल सकती हैं. इनमें सबसे सामान्य और महसूस की जाने वाली परेशानी है मूड स्विंग्स 9 Mood Swings).और इसका कारण सिर्फ हार्मोनल बदलावों में छिपा होता है. आइए जानते हैं कि पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स क्यों होते हैं और इससे कैसे निपटा जा सकता है.

Mood Swings During Periods: मूड स्विंग्स के कारण

Mood swings during periods: पीरियड्स में क्यूं होते है मूड स्विंग्स?

पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स हार्मोनल असंतुलन के कारण होते हैं. जब महिलाओं के शरीर में एस्त्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन कम या ज्यादा होते हैं, तो इसका सीधा असर उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. ये हार्मोन मस्तिष्क में उपस्थित न्यूरोट्रांसमीटर, जैसे कि सेरोटोनिन और डोपामाइन को प्रभावित करते हैं, जो मूड और भावनाओं को नियंत्रित करते हैं.

पीरियड्स से पहले (PMS) और दौरान, शरीर में एस्त्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव होते हैं, जिससे महिलाओं को चिड़चिड़ापन, गुस्सा, उदासी और थकान जैसी भावनाएं हो सकती हैं. यह अस्थिरता मानसिक स्थिति को बिगाड़ सकती है और भावनात्मक उतार-चढ़ाव का कारण बन सकती है.

मानसिक और शारीरिक असर

Mood swings during periods: पीरियड्स में क्यूं होते है मूड स्विंग्स?

मूड स्विंग्स के अलावा, पीरियड्स के दौरान महिलाएं शारीरिक बदलावों का भी सामना करती हैं. पेट में ऐंठन, सिर दर्द, थकान, ब्रेस्ट सेंसिटिविटी जैसी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं. ये शारीरिक परेशानियाँ मानसिक स्थिति को और भी अधिक प्रभावित करती हैं. शरीर में पानी की कमी और आयरन की कमी भी इन मूड स्विंग्स को बढ़ा सकती है.

 समाधान और राहत

  1. स्वस्थ आहार: पीरियड्स के दौरान शरीर को सही पोषण की आवश्यकता होती है. आयरन, कैल्शियम, और विटामिन B6 जैसे तत्वों से भरपूर आहार लेने से मूड स्विंग्स को कम किया जा सकता है. हरी पत्तेदार सब्जियाँ, ताजे फल, और नट्स का सेवन लाभकारी हो सकता है.
  2. वियाम और ध्यान: नियमित व्यायाम से शरीर में एंडोर्फिन (हैप्पी हार्मोन) का स्तर बढ़ता है, जिससे मूड में सुधार आता है. ध्यान और योग भी मानसिक शांति प्रदान कर सकते हैं और मूड स्विंग्स को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं.
  3. पर्याप्त नींद: शरीर और मस्तिष्क को आराम देने के लिए पर्याप्त नींद बेहद आवश्यक है. नींद की कमी से हार्मोनल असंतुलन और तनाव बढ़ सकता है.
  4. सकारात्मक सोच: जब भी मूड स्विंग्स महसूस हों, खुद को शांत रखने और सकारात्मक सोच अपनाने की कोशिश करें. गहरी साँसें लें और खुद से बातें करें.
  5. डॉक्टर की सलाह: यदि मूड स्विंग्स अधिक गंभीर हों और जीवन को प्रभावित कर रहे हों, तो डॉक्टर से सलाह लें. कभी-कभी, इलाज और दवाओं की आवश्यकता होती है.

पीरियड्स के दौरान मूड स्विंग्स (Mood Swings During Periods) महिलाओं के लिए सामान्य हैं, लेकिन इसके कारण और प्रभाव को समझना और सही कदम उठाना जरूरी है. सही आहार, व्यायाम, और मानसिक शांति बनाए रखने से इन परेशानियों को नियंत्रित किया जा सकता है. ध्यान रखें कि यह एक अस्थायी स्थिति है, और थोड़ी सी देखभाल और संयम से इससे निपटा जा सकता है.

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