Lighting Therapy Hub: डिप्रेशन को मात देने आई नई तकनीक, बिना दवा के सिर्फ रोशनी से होगा इलाज
Lighting Therapy Hub: जानिए कैसे लाइटिंग थैरेपी हब मानसिक स्वास्थ्य सुधारने में नई उम्मीद बन रहा है. न्यू यॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह थेरेपी अवसाद, तनाव और नींद की समस्या को बिना महंगी दवाओं के दूर करने में मददगार है.
Lighting Therapy Hub: अक्सर लोग मानसिक स्वास्थ्य सुधारने के लिए महंगी दवाएं लेते हैं? या फिर डॉक्टरों से लंबे समय से सलाह लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं बदलते तकनीक के साथ एक ऐसी थेरेपी भी आ गयी है जो लोगों की मानसिक स्वास्थ्य सुधारने में बड़ी भूमिका निभा रहा है. जी हां इस तकनीक का नाम है लाइटिंग थैरेपी हब. आप सोच रहे हैं यह कौन सी थेरेपी है. दरअसल यह प्राकृतिक रोशनी के समान प्रकाश के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य सुधारने का अवसर देता है. यह हब उन लोगों के लिए खास है जो तनाव, अवसाद या नींद से जुड़ी परेशानियों से जूझ रहे हैं. आइये जानते हैं यह थेरेपी मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव कैसे प्रभाव डालता है और इसे कैसे किया जाता है.
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
न्यू यॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट को मानें तो लाइटिंग थैरेपी विशेष रूप से अवसाद और सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) के मामलों में लाभकारी है. इसमें मरीज को प्रतिदिन नियंत्रित समय तक तीव्र रोशनी के सामने बैठाया जाता है, जिससे मस्तिष्क में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन के स्तर प्रभावित होकर मूड और नींद में सुधार आता है. रिपोर्ट के मुताबिक, लाइट थैरेपी प्राप्त करने वाले कई मरीजों ने अवसाद के लक्षणों में तेजी से सुधार देखा.
लाइटिंग थैरेपी हब में उपचार की क्या है प्रक्रिया
प्रारंभिक मूल्यांकन : मरीज की मानसिक स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है.
व्यक्तिगत योजना : मरीज की जरूरत के अनुसार लाइटिंग की तीव्रता और अवधि तय की जाती है.
सत्रों की निगरानी : उपचार के दौरान मरीज की प्रतिक्रिया का ध्यान रखा जाता है.
समाप्ति और फॉलो-अप : सत्रों के बाद मरीज की स्थिति का पुनर्मूल्यांकन किया जाता है और आवश्यकतानुसार फॉलो-अप किया जाता है.
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